नई दिल्ली: परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) में भारत की सदस्यता को लेकर चीन हालंकि अभी भी अड़ा हुआ है लेकिन अब तक भारत के इस ग्रुप में शामिल होने का विरोध कर रहे कुछ देश भारत का समर्थन कर सकते हैं। जर्मनी के एक वरिष्ठ राजनयिक सूत्र ने बताया कि एनएसजी परामर्श समूह की बैठक जारी है और यहां भारत की सदस्यता के बारे में चर्चा की जा रही है। इस बैठक में जर्मनी ने भारत को अपना समर्थन दिया है।
सूत्रों के अनुसार हालांकि भारत की एनएसजी सदस्यता पर चीन अब भी समर्थन देने को तैयार नहीं है लेकिन भारत के लगातार कूटनीतिक प्रयासों के कारण सदस्यता की उम्मीदें बरकरार हैं। पिछले सप्ताह अमेरिका ने भारत की सदस्यता का समर्थन दोहराया था। हालांकि, चीन के विरोध के कारण अब भी भारत की उम्मीदें धूमिल ही हैं।
बता दें कि भारत इस 48 सदस्यीय एनएसजी समूह में शामिल होने की पुरजोर कोशिश कर रहा है। चीन नॉन-एनपीटी मेंबर्स को इस समूह में शामिल करने के खिलाफ है। चीन का कहना है कि एनपीटी पर हस्ताक्षर किए बगैर किसी भी देश को एनएसजी की सदस्यता नहीं मिले। ध्यान रहे कि भारत ने एनपीटी समझौते पर हस्ताक्षर नहीं किया है।
NSG की सदस्यता सर्वसम्मति से ही मिलती है और ग्रुप में किसी देश को वीटो का अधिकार नही है।
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