चिदंबरम ने कहा- मुझे गोवा में पार्टी के पुनर्गठन, पुनर्जीवित करने का काम दिया गया है
पी. चिदंबरम ने यह भी दावा किया था कि राज्य में राजनीतिक माहौल पार्टी के लिए ‘बहुत अनुकूल’ है।
पणजी: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम ने शनिवार को कहा कि उन्हें गोवा में पार्टी के पुनर्गठन और इसे पुनर्जीवित करने का काम दिया गया है। राज्य में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं। पूर्व केंद्रीय मंत्री, जो चुनाव पर्यवेक्षक के रूप में जिम्मेदारी संभालने के बाद तटीय राज्य की अपनी पहली यात्रा के एक सप्ताह के भीतर गोवा की फिर से यात्रा पर आए हैं। उन्होंने शनिवार को चुनाव समितियों के प्रमुख सहित पार्टी के स्थानीय पदाधिकारियों और नेताओं के साथ कई बैठकें कीं।
संभावित गठबंधन पर बात करने से किया इनकार
चिदंबरम ने अगले साल के विधानसभा चुनावों के लिए समान विचारधारा वाले दलों के साथ संभावित गठबंधन के बारे में पूछे जाने पर इस संबंध में बात करने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि उनका काम केवल फरवरी 2022 में होने वाले चुनावों से पहले पार्टी की राज्य इकाई का पुनर्गठन और पुनर्जीवित करना है। चिदंबरम ने कहा, ‘मेरा काम केवल पार्टी के पुनर्गठन और उसे पुनर्जीवित करने, ब्लॉक समितियों के पुनर्गठन और सदस्यों के नामांकन का है।’
‘राजनीतिक माहौल पार्टी के लिए बहुत अनुकूल है’
चिदंबरम शुक्रवार को 3 दिवसीय दौरे पर राज्य पहुंचे थे। पिछले सप्ताह अपनी यात्रा के दौरान उन्होंने कहा था कि कांग्रेस की गोवा इकाई विधानसभा की सभी 40 सीटों पर लड़ने के लिए तैयार हो रही है और उन्होंने यह भी दावा किया था कि राज्य में राजनीतिक माहौल पार्टी के लिए ‘बहुत अनुकूल’ है। इस बीच, कांग्रेस की गोवा इकाई के अध्यक्ष गिरीश चोडानकर ने कहा, ‘पार्टी अगले साल के चुनावों के लिए रणनीति बनाने की योजना बना रही है। हम राज्य के सभी बूथों पर फिर से काम कर रहे हैं।’
‘कई नेता गोवा में कांग्रेस में शामिल हो रहे हैं’
चोडानकर ने कहा, ‘कई नेता गोवा में कांग्रेस में शामिल हो रहे हैं क्योंकि वे पार्टी को बीजेपी के खिलाफ एक उम्मीद के रूप में देखते हैं। लोगों ने राज्य में अगले चुनाव में भाजपा को हराने का फैसला किया है और माहौल कांग्रेस के पक्ष में है।’ बता दें कि 2017 के गोवा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 40 सदस्यीय सदन में सबसे अधिक 17 सीटें जीती थीं और जबकि बीजेपी को 13 सीटों पर जीत मिली थी, लेकिन बीजेपी क्षेत्रीय दलों से हाथ मिलाकर वरिष्ठ नेता मनोहर पर्रिकर के नेतृत्व में राज्य की सत्ता में आ गई थी। पर्रिकर का अब निधन हो चुका है। (भाषा)