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Hindi News भारत राजनीति चन्नी अच्छा लड़का है, जब तक सिद्धू के बहकावे में नहीं आएगा काम करेगा: अमरिंदर सिंह

चन्नी अच्छा लड़का है, जब तक सिद्धू के बहकावे में नहीं आएगा काम करेगा: अमरिंदर सिंह

अमरिंदर सिंह ने कहा कि हमारे संविधान में, राजनीति में और खासकर पंजाब में दलित की बात कभी नहीं आई, यहां हर वर्ग एक समान है।

Charanjit Singh Channi, Captain Amarinder Singh, Captain Amarinder Singh Interview- India TV Hindi Image Source : PTI पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री एवं वरिष्ठ कांग्रेस नेता कैप्टन अमरिंदर सिंह ने एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में कई चौंकाने वाली बातें कहीं।

दिल्ली: पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री एवं वरिष्ठ कांग्रेस नेता कैप्टन अमरिंदर सिंह ने इंडिया टीवी को दिए एक एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में कई मुद्दों पर बात की। पंजाब के नए मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के बारे में बोलते हुए कैप्टन ने कहा कि वह एक अच्छे लड़के हैं, और सिद्धू के बहकावे में नहीं आए तो काम करेंगे। पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री ने राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के साथ नवजोत सिंह सिद्धू की नजदीकियों के बारे में कुछ भी जानकारी होने से इनकार किया।

‘पता नहीं सिद्धू ने कैसे मना लिया उनको?’
कैप्टन ने कहा, ‘पता नहीं सिद्धू ने कैसे मना लिया उनको? इस पर मैं कुछ नहीं कहना चाहता और मुझे कुछ पता नहीं कि राहुल और प्रियंका जी का मन कैसे बना, या कांग्रेस अध्यक्षा का मन कैसे बन गया? मैं उनसे कुछ नहीं पूछूंगा।’ वहीं, चन्नी के बारे में बात करते हुए कैप्टन ने कहा, ‘हमारे संविधान में, राजनीति में और खासकर पंजाब में दलित की बात कभी नहीं आई, यहां हर वर्ग एक समान है। चन्नी 4.5 साल मेरे मंत्री रहे हैं। बतौर मंत्री उन्होंने अच्छा काम किया। वह समझदार लड़के हैं। जब तक वह सिद्धू के बहकावे में नहीं आते, तब तक अच्छा काम करेंगे। अगर सिद्धू की बात मानेंगे और उनके इशारे पर चलेंगे तो पार्टी नहीं चलेगी। पंजाब को सिर्फ एक मजबूत नेता चाहिए।’ 

‘पंजाब में कभी दोहरा नेतृत्व नहीं देखा’
कैप्टन ने कहा, ‘मेरे 52 साल के करियर में कभी दोहरा नेतृत्व नहीं देखा पंजाब में। यह पहली बार हुआ है। 2002 और 2017 में जब मैं चुना गया तो मैंने किसी को नहीं पूछा। दोनों बार अपनी कैबिनेट बनाई, सबको पोर्टफोलियो दिया। आज सब लोग यह पूछने के लिए दिल्ली में बैठे हैं कि किसे मंत्री बनाना है और किसे क्या विभाग देना है। चन्नी 4.5 साल मेरे मंत्री रहे। उन्हें पता है कि किस मंत्री की क्या क्षमता है, उस हिसाब से वह चल सकते हैं। माकन, सुरजेवाला या हरीश रावत क्यों इसका फैसला करेंगे? सरकार मुख्यमंत्री को चलानी है। अगर सरकार के मंत्रियों में ही विश्वास नहीं होगा तो सरकार कैसे चलेगी?’

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