भोपाल। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में शहीद चंद्रशेखर आजाद की मूर्ति की जगह पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह की मूर्ति लगाने का मामला फिर से गरमा गया है। अब मूर्ति के वर्चस्व की लड़ाई में चंद्रशेखर आजाद के परपौत्र अमित आजाद खुद उतर आए हैं। भोपाल पहुंचकर अमित आजाद ने राज्यपाल से मुलाकात की और मूर्ति नहीं हटाने पर 2 दिसंबर से भाजपा के साथ मिलकर अनशन करने का भी ऐलान किया।
कभी कांग्रेस के चाणक्य माने जाने वाले पूर्व मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री रहे अर्जुन सिंह की प्रतिमा उनकी जयंती के मौके पर उस जगह लगा दी जहां पर ट्रैफिक व्यवस्था सुचारू रखने के लिए चंद्रशेखर आजाद की लगी हुई मूर्ति को भाजपा शासन के दौरान 3 साल पहले हटाया गया था।
चंद्र शेखर आजाद की यह मूर्ति भोपाल के बेहद पॉश इलाके न्यू मार्केट के तिराहे पर लगी हुई थी, जहां से उसे हटा कर एक कोने में रख दिया गया था। पहले मध्य प्रदेश भाजपा ने इसका खुलकर विरोध किया वहीं चंद्र शेखर आजाद की प्रतिमा को देश का अपमान बताकर आजाद के पर पोते मैदान में आ गए है।
भोपाल पहुंचे अमित आजाद ने मुद्दे पर राज्यपाल लालजी टंडन से मिलकर इस मामले में हस्तक्षेप करने की अपील की। वो भोपाल के मेयर आलोक शर्मा से भी मिलने पहुंचे। अमित आजाद ने चंद्रशेखर आजाद की मूर्ति पर पहुंचकर माल्यार्पण किया।
दरअसल भाजपा शासनकाल में 9 साल पहले शहर के ट्रैफिक को बेहतर करने के लिए कई चौराहों का विकास किया गया था, इसी कड़ी में बीच सड़क पर मौजूद तकरीबन 15 रोटरी या तो हटाई गईं थी या छोटी की गई थी। इन्हीं रोटरी पर मौजूद 22 प्रतिमाओं को शिफ्ट कर अलग जगह दी गई थी। ट्रैफिक बाधित करने वाली ऐसी 22 मूर्तियों में चंद्रशेखर आजाद, पूर्व राष्ट्रपति शंकर दयाल शर्मा, महाराजा अग्रसेन, पंडित दीनदयाल उपाध्याय, झलकारी बाई समेत कई मूर्तियां शामिल थी।
इसी के चलते में भोपाल के न्यू मार्केट इलाके में पड़ने वाली लिंक रोड क्रमांक एक पर ट्रैफिक व्यवस्थित करने के लिए रोटरी के साथ-साथ शहीद चंद्रशेखर आजाद की भी प्रतिमा हटाई गई थी। भाजपा ने अर्जुन सिंह की प्रतिमा लगाए जाने के स्थान पर जहां विरोध किया, वहीं अब जब खुलकर चंद्र शेखर आजाद के परपौत्र सामने आ गए हैं, तो मेयर का कहना है कि अगर 2 दिसंबर तक मूर्ति नहीं हटाई गई तो आंदोलन करेंगे।
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