लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी (BSP) की नेता मायावती ने मोदी सरकार की ओर से अयोध्या में गैर विवादित भूमि को वापस लौटाने की अर्जी सुप्रीम कोर्ट में दाखिल करने वाले कदम को एक चुनावी हथकंडा बताया है। एक बयान में बसपा प्रमुख ने बुधवार को कहा कि यह सांप्रदायिक तनाव भड़काने के लिए किया गया है।
उन्होंने लोगों को भाजपा से सावधान रहने के लिए कहा, क्योंकि केंद्र सरकार 'लंबित मामले में जबरदस्ती हस्तक्षेप' कर रही है। उन्होंने कहा, "यह महसूस करते हुए कि प्रदेश में होने वाले लोकसभा चुनाव के मद्देनजर बसपा और सपा के एक साथ आ जाने से सत्तारूढ़ पार्टी को चुनाव में झटका लगेगा, भाजपा 'अनुचित कदम' उठा रही है।"
बसपा नेता ने कहा, "भाजपा वह सबकुछ कर रही है जो कि एक संविधान द्वारा संचालित सरकार से अपेक्षित नहीं है।" यह दावा करते हुए कि लोग भाजपा के फर्जी वादों से उब गए हैं, पार्टी सांप्रदायिक तनाव बढ़ाकर, सामाजिक सौहार्द बिगाड़कर आगामी चुनाव के मद्देनजर चुनाव में बने रहने की कोशिश कर रही है।
राज्य की चार बार मुख्यमंत्री रहीं मायावती ने कहा कि विवादास्पद मुद्दे के मौजूदा कानूनी प्रक्रिया में किसी भी प्रकार का दबाव अस्वीकार्य है।
मायावती ने कहा कि देश की सवा सौ करोड़ जनता का विश्वास खोकर बदनाम हो चुकी भाजपा सरकार के पास अब अयोध्या और धर्म के अन्य मामलों का गलत एवं राजनीतिक इस्तेमाल का आखिरी हथकण्डा बाकी रह गया था जो भाजपा पूरी तरह से इस्तेमाल करने में लग गई है। उन्होंने दावा किया कि भाजपा को अहसास हो गया है कि उत्तर प्रदेश में बसपा-सपा गठबंधन के चलते वह केन्द्र की सत्ता में दोबारा आने वाली नहीं है।
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