श्रीनगर: जम्मू एवं कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने केंद्र पर पक्षपात करने का आरोप लगाते हुए शनिवार को कहा कि कश्मीर में लोगों को मस्जिदों और दरगाहों पर नमाज अदा करने से रोकना बहुसंख्यक समुदाय की भावनाओं के प्रति भारत सरकार के ‘अनादर के भाव’ को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि ऐसे समय में जब पार्क और सार्वजनिक स्थान खुले हैं, मस्जिदों को बंद करना पूर्वाग्रह है। कोरोना वायरस संक्रमण के प्रसार की रोकथाम के लिए पिछले कुछ हफ्तों से श्रीनगर शहर में कुछ मस्जिदों और दरगाहों को लगातार बंद रखे जाने पर महबूबा ने यह प्रतिक्रिया दी।
‘यह पूर्वाग्रह की पराकाष्ठा है’
पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) की अध्यक्ष मुफ्ती ने ट्वीट किया, ‘कश्मीर में लोगों को मस्जिदों एवं दरगाहों पर नमाज अदा करने से रोकना बहुसंख्यक समुदाय की भावनाओं के प्रति भारत सरकार के अनादर के भाव को प्रदर्शित करता है। खासतौर से ऐसे समय में जब पार्क और सार्वजनिक स्थान खुले हैं और अनगिनत सरकारी कार्यक्रम आयोजित हो रहे हैं। यह पूर्वाग्रह की पराकाष्ठा है।’ बता दें कि इससे पहले महबूबा मुफ्ती ने बुधवार को दावा किया था कि उन्हें फिर से नजरबंद कर दिया गया, क्योंकि उनकी जम्मू कश्मीर के पुलवामा जिले में जाने की योजना थी।
‘मुझे फिर से नजरबंद किया गया’ बुधवार को मुफ्ती ने ट्वीट किया था, ‘त्राल गांव में जाने की कोशिश करने के लिए आज फिर से मुझे फिर से नजरबंद कर दिया गया। इस गांव में सेना ने मारपीट की। यह कश्मीर की असली तस्वीर है, गणमान्य व्यक्तियों को भारत सरकार द्वारा सुरक्षित और निर्देशित पिकनिक टूर के बजाय यह दिखाया जाना चाहिए।’ मुफ्ती ने गुपकर रोड पर उनके आवास के मुख्य द्वार को कथित तौर पर अवरुद्ध कर रहे, सुरक्षाबलों के एक वाहन की तस्वीर भी पोस्ट की। उन्होंने मंगलवार को आरोप लगाया था कि सेना के जवानों ने पुलवामा के सीर गांव में एक परिवार से मारपीट की और एक महिला को घायल कर दिया।
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