दुबई/नई दिल्ली: केरल के सबरीमाला मंदिर में सभी महिलाओं को प्रवेश की इजाजत देने की पैरवी करने वाले कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने अपना रुख बदल लिया है। कांग्रेस अध्यक्ष ने शनिवार को कहा कि वह मुद्दे पर ‘स्पष्ट’ रुख अख्तियार नहीं कर सकते हैं क्योंकि दोनों पक्षों के तर्कों में दम है। दुबई में शनिवार को गांधी ने कहा था कि मुद्दा ‘और अधिक जटिल’ है और वह इस मामले पर फैसला लेने की जिम्मेदारी केरल के लोगों पर छोड़ते हैं। उन्होंने माना कि सरीबमला मुद्दे पर उनका शुरुआती रुख अलग था।
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘मैंने दोनों पक्षों की बातें सुनी हैं। मेरा शुरुआती रुख आज के रुख से अलग था। केरल के लोगों की बात सुनने के बाद, मैं दोनों तर्कों में वैधता देख सकता हूं कि परंपरा का संरक्षण करने की जरूरत है। मैं इस तर्क में भी वैधता देख सकता हूं कि महिलाओं को समान अधिकार मिलने चाहिए। इसलिए, मैं इस मुद्दे पर आपको अपना स्पष्ट रुख नहीं बता पाऊंगा।’
उन्होंने कहा, ‘मैंने केरल के लोगों और (केरल) कांग्रेस कमेटी की टीम से बात की और उन्होंने मुझे इसका विवरण समझाया। इसके बाद, मुझे एहसास हुआ कि मुद्दा कहीं ज्यादा जटिल है और दोनों पक्षों का रुख वैध है। मैं इसपर निर्णय करने की जिम्मेदारी लोगों पर छोड़ता हूं।’ सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद, गांधी ने कहा था कि सभी महिलाओं को सबरीमाला मंदिर में जाने की अनुमति होनी चाहिए। हालांकि, उनका यह विचार कांग्रेस की केरल इकाई के नजरिए से अलग था।
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