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कलकत्ता हाईकोर्ट से बीजेपी को बड़ा झटका, 7 दिसंबर को रथयात्रा की नहीं मिली इजाजत

कलकत्ता हाईकोर्ट से बीजेपी को बड़ा झटका लगा है। 7 दिसंबर को पश्चिम बंगाल के कूच बिहार से शुरू होने वाली बीजेपी की रथयात्रा को हाईकोर्ट ने इजाजत देने से इनकार कर दिया है।

Calcutta Highcourt File photo- India TV Hindi Calcutta Highcourt File photo

कोलकाता: कलकत्ता हाईकोर्ट से बीजेपी को बड़ा झटका लगा है। 7 दिसंबर को पश्चिम बंगाल के कूच बिहार से शुरू होने वाली बीजेपी की रथयात्रा को हाईकोर्ट ने इजाजत देने से इनकार कर दिया है। इससे पहले ममता बनर्जी की सरकार ने बीजेपी को रथयात्रा निकालने की इजाजत नहीं दी थी। ममता बनर्जी के फैसले के खिलाफ बीजेपी ने कलकत्ता हाईकोर्ट ने अर्जी दाखिल कर रथयात्रा की इजाजत मांगी थी। अब 9 जनवरी को इस मामले की सुनवाई होगी।

हाईकोर्ट में आज सुनवाई के दौरान पश्चिम बंगाल सरकार ने भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की, कूचबिहार से प्रस्तावित ‘रथ यात्रा’ को अनुमति देने से यह कहते हुए इंकार कर दिया कि इससे सांप्रदायिक तनाव उत्पन्न हो सकता है। राज्य सरकार के महाधिवक्ता (एजी) ने बृहस्पतिवार को कलकत्ता हाईकोर्ट को यह जानकारी दी। 

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अध्यक्ष अमित शाह का राज्य में पार्टी की ‘लोकतंत्र बचाओ रैली’ आयोजित करने का कार्यक्रम है जिसमें तीन ‘रथ यात्राएं’ शामिल हैं। राज्य सरकार ने कहा है कि इस यात्रा से सांप्रदायिक तनाव उत्पन्न हो सकता है। जिला में सांप्रदायिक मुद्दों का एक इतिहास रहा है और वहां से ऐसी सूचना है कि सांप्रदायिकता को उकसाने वाले कुछ लोग और उपद्रवी तत्व वहां सक्रिय हैं। 

पुलिस अधीक्षक (एसपी) द्वारा अनुमति देने से इंकार करने संबंधी पत्र में उल्लेख किया गया है कि भाजपा के कई शीर्ष नेताओं के साथ-साथ अन्य राज्यों से भी लोग कूचबिहार आएंगे। पत्र में जोर दिया गया है कि इससे जिले की सांप्रदायिक संवेदनशीलता प्रभावित हो सकती है। जमीनी स्थिति को देखते हुये अनुमति देने से इंकार करने को एक प्रशासनिक निर्णय बताते हुये एजी ने कहा कि इसके संवेदनशील प्रकृति के कारण आंशका का ब्यौरा खुले अदालत में नहीं बताया जा सकता। एजी ने कहा कि अगर निर्देश दिया जाता है तो वह एक सीलबंद लिफाफे में अदालत को यह सौंप सकते हैं। 

भाजपा ने न्यायमूर्ति तपब्रत चक्रवर्ती की पीठ को बताया कि वह शांतिपूर्ण यात्रा करेगी। भाजपा अपनी तीन रैलियों के लिए राज्य सरकार को अनुमति देने की मांग को लेकर अदालत गई है। इस पर न्यायाधीश ने पूछा कि अगर कोई अप्रिय घटना होती है तो इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा? जवाब में भाजपा के वकील अनिंद्य मित्रा ने कहा कि पार्टी एक शांतिपूर्ण रैली आयोजित करेगी लेकिन कानून और व्यवस्था को बनाये रखना राज्य सरकार की जिम्मेदारी है। मित्रा ने कहा कि संविधान राजनीति कार्यक्रम आयोजित करने के अधिकार की गारंटी देती है। उन्होंने कहा कि अप्रिय स्थिति की धारणा के आधार पर इंकार नहीं किया जा सकता है। 

न्यायाधीश ने पूछा कि क्या वह इसे स्थगित करने के लिये तैयार हैं। इस पर भाजपा के वकील ने नाकारात्मक जवाब दिया और कहा कि इसकी तैयारी लंबे समय से जारी है और अनुमति के लिए अक्टूबर में ही प्रशासन से संपर्क किया था। उन्होंने कहा कि लंबे समय तक आवेदन रखने के बाद उन्होंने अब अनुमति देने से इंकार कर दिया है। अनुमति से इंकार का विरोध करने वाले भाजपा के पूरक हलफनामे का भी महाधिवक्ता ने विरोध किया और कहा कि या तो एक नई याचिका दायर की जा सकती है या इसी याचिका में संशोधन किया जा सकता है। 

दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद अदालत ने 7 दिसंबर से शुरू होनेवाली बीजेपी की रथयात्रा को इजाजत देने से इनकार दिया। लेकिन कोर्ट ने आगे की ऐसी यात्रा को लेकर प्रशासन के स्तर पर सभी जिलों के एसपी और डीएम से कहा है कि वे बीजेपी के प्रतिनिधियों से बात करें और तय करें कि उन्हें इजाजत दी जा सकती है या नहीं। कोर्ट अब 9 जनवरी को इस मामले की सुनवाई करेगा।

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