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Hindi News भारत राजनीति चुनाव बाद हिंसा को लेकर कोर्ट के फैसले पर ममता बनर्जी को आत्मचिंतन करना चाहिए: बीजेपी

चुनाव बाद हिंसा को लेकर कोर्ट के फैसले पर ममता बनर्जी को आत्मचिंतन करना चाहिए: बीजेपी

बता दें कि कोर्ट की पांच सदस्यीय पीठ ने चुनाव के बाद कथित हिंसा के संबंध में अन्य आरोपों की जांच के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) के गठन का भी आदेश दिया।

Calcutta HC order on West Bengal violence has given message that anarchy has no place: BJP- India TV Hindi Image Source : TWITTER-@BJP4INDIA कलकत्ता हाईकोर्ट की टिप्पणी को संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को आत्मचिंतन करना चाहिए। 

नयी दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने बृहस्पतिवार को कहा कि पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव के बाद हिंसा के संबंध में कलकत्ता हाईकोर्ट की टिप्पणी को संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को आत्मचिंतन करना चाहिए। बता दें कि कलकत्ता हाईकोर्ट ने पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद कथित हिंसा के दौरान हुए हत्या एवं बलात्कार जैसे गंभीर मामलों की केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से जांच कराने का बृहस्पतिवार को आदेश दिया। कोर्ट के इस फैसले के बाद पार्टी मुख्यालय में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए बीजेपी प्रवक्ता गौरव भाटिया ने अदालत को फैसले को अहम बताते हुए कहा कि लोकतंत्र में अराजकता का कोई स्थान नहीं है और नागरिकों की सुरक्षा की जिम्मेदारी राज्य सरकार की होती है। 

उन्होंने कहा, ‘‘अदालत के फैसले का सारांश यही है कि दो मई, कानून-व्यवस्था (पश्चिम बंगाल) गई। लोकतंत्र में नागरिकों की रक्षा की जिम्मेदारी चुनी हुई सरकार की होती है, लेकिन यह कहना गलत नहीं होगा कि ममता बनर्जी इसमें विफल रहीं।’’ उन्होंने कहा कि एक मुख्यमंत्री जब पद की शपथ व गोपनीयता को भूल जाता है और अराजक तत्वों के साथ खड़ा होता है तो अदालत नागरिकों के लिए सुरक्षा कवच बनकर सामने आती है। 

बता दें कि कोर्ट की पांच सदस्यीय पीठ ने चुनाव के बाद कथित हिंसा के संबंध में अन्य आरोपों की जांच के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) के गठन का भी आदेश दिया। पीठ ने कहा कि दोनों जांच अदालत की निगरानी में की जाएंगी। अदालत ने केंद्रीय एजेंसी से आगामी छह सप्ताह में अपनी जांच रिपोर्ट पेश करने को कहा। एसआईटी में महानिदेशक (दूरसंचार) सुमन बाला साहू, कोलकाता पुलिस आयुक्त सौमेन मित्रा और रणवीर कुमार जैसे आईपीएस अधिकारी होंगे।

कोर्ट के फैसले का हवाला देते हुए भाटिया ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री राज्य की जनता को हिंसा से बचाने में विफल रहीं और फिर उन्हें न्याय भी नहीं दिला सकीं क्योंकि राज्य पुलिस ने प्राथमिकी तक दर्ज नहीं की। उन्होंने कहा, ‘‘मुख्यमंत्री के लिए यह आत्मचिंतन का समय है। उम्मीद है कि हाईकोर्ट के आदेश का संज्ञान लेते हुए वह आत्मचिंतन जरूर करेंगी और पीड़ितों को इंसाफ जरूर दिलाएंगी।’’ उन्होंने कहा कि अदालत के फैसले से स्पष्ट होता है कि इन मामलों में जो आरोपी हैं वह सत्ताधारी दल के हैं।

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