राफेल पर मचे घमासान के बीच CAG की रिपोर्ट संसद में पेश, कांग्रेस जेपीसी जांच पर अड़ी
सोमवार को सीएजी ने रिपोर्ट राष्ट्रपति और वित्त मंत्रालय को भेजी थी और अब यह रिपोर्ट लोकसभा स्पीकर और राज्यसभा के चेयरमेन को भेजी जाएगी। उसके बाद सीएजी की रिपोर्ट संसद में रखी जाएगी।
नई दिल्ली: राफेल पर मचे घमासान के बीच आज इस विमान के सौदे पर सीएजी की रिपोर्ट संसद में रखी गई। सुप्रीम कोर्ट से क्लीन चिट मिलने के बाद सरकार को बड़ी राहत तो मिली लेकिन कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने हमला करना नहीं छोड़ा। अब सरकार को सीएजी की रिपोर्ट से उम्मीदें लगी हुई हैं। कांग्रेस अध्यक्ष आजकल जहां भी जाते हैं राफेल के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर हमला करना उनके ऐजेंडे में सबसे ऊपर होता है। अब आज इस लड़ाई को नया मोड़ मिल सकता है। संसद का सत्र कल खत्म हो रहा है और उससे ठीक एक दिन पहले आज राफेल पर सीएजी की रिपोर्ट संसद में पेश किया गया है।
सोमवार को सीएजी ने रिपोर्ट राष्ट्रपति और वित्त मंत्रालय को भेजी थी और अब यह रिपोर्ट लोकसभा स्पीकर और राज्यसभा के चेयरमेन को भेजी जाएगी। उसके बाद सीएजी की रिपोर्ट संसद में रखी जाएगी। सूत्रों के मुताबिक सीएजी ने राफेल सौदे पर 12 चैप्टर की रिपोर्ट तैयार की है। इस रिपोर्ट में खरीद प्रक्रिया के साथ साथ 36 राफेल विमानों की कीमत भी बताई गई है।
लोकसभा में पीएम मोदी कांग्रेस पर आरोप लगा चुके हैं कि वो देश की वायुसेना को कमज़ोर करने में लगी है, उसके बावजूद सोमवार को लखनऊ में रोड शो के दौरान राहुल गांधी न केवल राफेल का मॉडल लेकर उसे हिलाते हुए नज़र आए बल्कि अपने भाषण में भी राफेल सौदे का ज़िक्र करके पीएम मोदी पर आरोप लगाए।
इस बीच संसद में सीएजी की रिपोर्ट आने से पहले ही कांग्रेस ने उस पर सवाल खड़े करने शुरू कर दिये हैं और इस बार सीएजी पर हमला करने का ज़िम्मा संभाला है, कपिल सिब्बल ने। सिब्बल ने हितों के टकराव का आरोप लगाते हुए कांग्रेस ने रविवार को सीएजी राजीव महर्षि से अनुरोध किया कि वह 36 राफेल लड़ाकू विमानों की खरीद के करार की ऑडिट प्रक्रिया से खुद को अलग कर लें, क्योंकि तत्कालीन वित्त सचिव के तौर पर वह इस वार्ता का हिस्सा थे।
कपिल सिब्बल को जवाब अरुण जेटली ने दिया। केन्द्रीय वित्त मंत्री ने ट्वीट करके कहा कि संस्थाओं को तोड़ने वाले अब झूठ के आधार पर सीएजी पर भी सवाल उठाने लगे। यूपीए सरकार में दस साल मंत्री रहे लोग शासन की अज्ञानता से ग्रसित हैं। पूर्व मंत्रियों को यह तक नहीं पता कि वित्त सचिव केवल एक पद भर है जो वित्त मंत्रालय में सबसे वरिष्ठ सचिव को दिया जाता है। वित्त सचिव का रक्षा मंत्रालय के सौदों की फाइल से कुछ लेना देना नहीं होता है।
राफेल सौदे में घोटाले का आरोप लगा रही कांग्रेस सुप्रीम कोर्ट के फैसले से बुरी तरह झटका खा चुकी है और रिपोर्ट सामने आने से पहले ही उसने सीएजी पर भी उंगली उठाना शुरू कर दिया है। गौरतलब है कि मीडिया रिपोर्टो में कहा गया है कि फ्रांस के साथ हुए इस सौदे के समझौते पर दस्तख्त करने से चंद दिन पहले ही सरकार ने इसमें भ्रष्टाचार के खिलाफ अर्थदंड से जुड़े अहम प्रावधानों को हटा दिया था। कांग्रेस राफेल विमान सौदे में भ्रष्टाचार का आरोप लंबे समय से लगा रही है, हालांकि सरकार ने इसे सिरे से खारिज किया है।