नई दिल्ली। मध्य प्रदेश में मंगलवार को हुए मंत्रीमंडल विस्तार में मुख्यमंत्री कमलनाथ और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह का खेमा अपने विधायकों को मंत्री बनाने में कामयाब रहा है जबकि पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के खेमे से कम मंत्री बने हैं। कुल 28 विधायकों ने मंत्रीपद की शपथ ली है और ऐसा माना जा रहा है कि 28 में से कमलाथ और दिग्विजय खेमें के 8-8 मंत्री हैं जबकि सिंधिया गुट से 7 मंत्री हैं। बाकी 5 लोग किसी गुट से नहीं हैं और उन्हें राहुल गांधी के कहने मंत्री बनाया गया है। मंत्रीमंडल विस्तार में दिग्विजय सिंह अपने पुत्र जयवर्धन को मंत्री बनवाने में कामयाब हो गए हैं।
जिन 4 निर्दलीय विधायकों ने सरकार बनाने में कांग्रेस को समर्थन दिया है उनमें से 2 को मंत्री बनाया गया है। निर्दलीय सुरेंद्र सिंह शेरा जो बुरहानपुर से विधायक बनकर आए हैं उन्हें मंत्री बनाया गया है, इसके अलावा निर्दलीय विधायक प्रदीप जायसवाल ने भी मंत्रीपद की शपथ ली है, सुरेंद्र सिंह को ज्योतिरादित्य सिंधिया और प्रदीप जायसवाल को कमलनाथ का करीबी समझा जाता है।
मंत्रीमंडल विस्तार में आगामी लोकसभा चुनाव और जातियों के समीकरण को भी ध्यान में रखा गया है, सबसे अधिक 8 मंत्री अन्य पिछड़ा वर्ग से हैं, 5 मंत्री अनुसूचित जाती और 3 मंत्री अनुसूचित जनजाती से बनाए गए हैं जबकि
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