लखनऊ: उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री एवं बहुजन समाज पार्टी (BSP) की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने बिहार में लालू प्रसाद यादव की 'भाजपा भगाओ, देश बचाओ' रैली में शामिल नहीं होने का फैसला किया है। लखनऊ स्थित पार्टी कार्यालय में मायावती ने गठबंधन में शामिल होने के अपने पुराने अनुभव को ठीक न बताते हुए इस रैली में शामिल न होने की पुष्टि की।
मायावती ने पटना रैली में शामिल होने की बात पर कहा अगर रैली सफल हो भी गई तो बाद में इन सेक्युलर पार्टियों के बीच टिकट बंटवारे को लेकर घमासान होगा और इस विश्वासघात का फायदा भाजपा को मिल सकता है। उन्होंने कहा कि बसपा गठबंधन के खिलाफ नहीं है, लेकिन इसमें पूरी ईमानदारी की जरूरत है। मायावती ने कहा, ‘पहले भी पार्टी ने कुछ मौकों पर गठबंधन किया, लेकिन उसका अनुभव अच्छा नहीं रहा। गठबंधन के बाद बसपा की पीठ में छुरा घोंपा गया।’ मायावती ने कहा कि अकसर यह देखने में आता है कि चुनाव के बाद गठबंधन टूट जाते हैं और सभी लोग अपने हितों की बात करने लगते हैं। जब तक सीटों को लेकर आपस में कोई फैसला नहीं होता, तब तक गठबंधन का हिस्सा बनने का कोई मतलब नहीं है।
अभी कुछ दिन पहले ही राजधानी में पोस्टर लगे थे, जिनमें पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और मायावती को लालू के साथ दिखाया गया था। इसमें कहा गया था कि उत्तर प्रदेश के इन दोनों नेताओं ने 27 अगस्त को पटना में आयोजित लालू प्रसाद की रैली में शामिल होने की मंजूरी दे दी है। बाद में इस पोस्टर को लेकर काफी बवाल हुआ और बसपा ने इस तरह का कोई भी पोस्टर जारी करने से इनकार कर दिया था। पटना के गांधी मैदान में 27 अगस्त (रविवार) को राष्ट्रीय जनता दल (RJD) की ओर से 'भाजपा भगाओ, देश बचाओ' रैली का आयोजन किया जाएगा।
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