यूपी के मेरठ नगर निगम में आज वंदे मातरम को लेकर बीएसपी और बीजेपी पार्षदों के बीच 45 मिनट तक ज़बर्दस्त घमासान हुआ. मारपीट इतनी बढ़ गई थी कि पुलिस को सदन के अंदर बीच बचाव करने जाना पड़ा लेकिन फिर भी मामला शांत नहीं हुआ. महापौर अपनी कुर्सी पर बैठी थीं और नीचे दोनों तरफ के पार्षद मारपीट कर रहे थे. हंगाम उस समये शुरु हुआ जब बीजेपी पार्षदों वंदे मातरम् गाने लगे और बीएसपी पार्षदों इसका विरोध करने लगे. कुछ ही देर में ये विरोध मारपीट में बदल गया और दोनों के बीच घूंसे और थप्पड़ चलने लगे.
मेरठ के टाउन हॉल में नगर निगम के सदन के अंदर बीजेपी पार्षदों ने वंदे मातरम की शुरूआत की. पेन ड्राइव जैसे लगाया, वंदे मातरम गीत बजने लगा. इस पर बीएसपी पार्षदों ने विरोध करना शुरू कर दिया. फिर बीजेपी पार्षदों ने प्रतिक्रिया में विरोध किया लेकिन क्रिया-प्रतिक्रिया के बीच बहसबाजी झगड़े में बदली और सदन के अंदर महाभारत का मंज़र खड़ा हो गया. एक तरफ बीजेपी पार्षद अपनी ताकत का मुज़ाहिरा पेश करने में लगे थे तो बीएसपी पार्षद भी अपनी शक्ति दिखाने से तौबा नहीं कर रहे थे. कुछ लोग बीच बचाव की कोशिश की लेकिन मामला बेकाबू हो चुका था. इस बीच किसी ने पुलिस को खबर की और पुलिसवाले बीच बचाव करने लगे लेकिन हालात काबू में नहीं आए. रीब 45 मिनट तक मारपीट होती रही.
बाद में काफी मुश्किलों से मारपीट बंद करवाई गई. इस मारपीट में किसी को गंभीर चोट नहीं आई. बता दें कि शपथ ग्रहण समारोह के दिन भी वंदे मातरम को लेकर दोनों तरफ के पार्षदों में कहासुनी हुई थी. दरअसल मेरठ में पहले से ही वंदे मातरम को लेकर बीएसपी के मुस्लिम पार्षद विरोध करते रहे हैं और बीएसपी की महापौर सुनीता वर्मा भी साफ संकेत दे चुकी थीं कि सदन में वंदे मातरम नहीं गाया जाएगा लेकिन सुनीता वर्मा के इस फैसले का विरोध बीजेपी पार्षद करते हुए वंदे मातरम चालू रखा.
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