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Hindi News भारत राजनीति BLOG: मणि के बिगड़े बोल...कांग्रेस के लिए सेल्फ़ गोल

BLOG: मणि के बिगड़े बोल...कांग्रेस के लिए सेल्फ़ गोल

मणिशंकर अय्यर जब जब सार्वजनिक रूप से व्यक्तिगत हमले करते हैं ,अपने ही पाँव पर कुल्हाड़ी मारते हैं।एक राजनयिक से नेता बने अय्यर भूल गए २०१४ में मोदी पर उनकी ‘चायवाला’ टिप्पणी ने कमज़ोर और सामान्य वर्ग की जनसंख्या को आहत करने वाली थी।

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कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर निम्न स्तरीय टिप्पणी करने के लिए जाने जाते हैं। इससे ना सिर्फ़ अय्यर बल्कि पूरी कांग्रेस पार्टी को शर्मिंदगी का सामना करना पड़ता है। यह अलग बात है इस बार उन्होंने अपने कहे पर माफ़ी माँग ली है। मणिशंकर अय्यर को कांग्रेस पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निष्कासित कर दिया गया। लेकिन तब तक देर हो गयी। गुजरात विधानसभा चुनाव में मतदान से ऐन पहले यह कांग्रेस के लिए आत्मघाती सिद्ध हो सकता है। भाजपा ने इसे गुजराती अस्मिता से जोड़ा। प्रधानमंत्री मोदी ने कांग्रेस की निंदा करते हुए कहा ‘ मैं नीच जाति का ज़रूर हूँ लेकिन काम ऊँचे किए’। अब मणिशंकर अय्यर अपनी हिंदी पर कितना भी ठीकरा फोड़ लें क्षतिपूर्ति होना मुश्किल है।

अय्यर ने की भाजपा की मदद

मणिशंकर अय्यर जब जब सार्वजनिक रूप से व्यक्तिगत हमले करते हैं, अपने ही पाँव पर कुल्हाड़ी मारते हैं। एक राजनयिक से नेता बने अय्यर भूल गए 2014 में मोदी पर उनकी ‘चायवाला’ टिप्पणी कमज़ोर और सामान्य वर्ग की जनसंख्या को आहत करने वाली थी। निचली और आर्थिक रूप से कमज़ोर तबका  मोदी को अपने में से एक समझता है। उनसे प्रेरणा लेता है। जिस देश की अधिकतर आबादी हिंदी भाषी है वहाँ अय्यर ‘low person’ या ‘low born’ का कितना भी शाब्दिक अर्थ समझा लें प्रयास असफल ही रहेंगे।

अय्यर और सेल्फ़ गोल

अय्यर विवादित टिप्पणियों के महारथी हैं। एक बार उन्होंने अटल बिहारी बाजपेई के लिए भी अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया था। अटल बिहारी वाजपेयी जिनके प्रशंसकों में इंदिरा गांधी भी शामिल रहीं उनके लिए अय्यर ने ‘नालायक’ शब्द का इस्तेमाल किया। यह दुर्भाग्य है भारतीय राजनीति का कि ऐसी ओछी भाषा बोलने वाले भी नेता बने रहते है। ख़ैर अय्यर विरोधी तो विरोधी अपनों को भी नहीं बख़्शते। राहुल गांधी के अध्यक्ष पद की उम्मीदवारी और चुनाव पर उन्होंने कहा ‘ पहले से पता था कि जो भी बादशाह है उनकी औलाद ही बादशाह बनेगी’। इस बयान से  उन्होंने अपनी ही पार्टी में राजशाही घोषित कर दी जिसका फ़ायदा मोदी ने ‘औरंगज़ेब मुबारक हो’ कर के उठाया।

क्या माफ़ी से ख़त्म हुआ विवाद?

मोदी पर अय्यर की अभद्र टिप्पणी फिर बार-बार माफ़ी और पार्टी सदस्यता से निष्कासन विवाद शांत करने के लिए काफ़ी नहीं लगता। यह राहुल गांधी की विनम्रता तो दर्शा सकता है लेकिन आलोचना से बचा नहीं सकता। अरुण जेटली ने अय्यर के निष्कासन को कांग्रेस की राजनीतिक साज़िश का हिस्सा कहा। मोदी ने सूरत की रैली में कहा ‘आपने हमें गधा और गंदी नाली का कीड़ा कहा। 18 तारीख़ को मतपेटियाँ बताएगी कि गुजरात के बेटे के अपमान का बदला कैसे लिया जाता है।’ जिस प्रदेश में साल भर पहले कांग्रेस वेंटिलेटर पर दिख रही थी वहाँ स्थिति सत्ता को चुनौती देने लायक बनी लेकिन अय्यर का ताज़ा बयान भाजपा के लिए ब्रह्मास्त्र साबित हो सकता है।

(ब्लॉग लेखिका मीनाक्षी जोशी देश के नंबर वन चैनल इंडिया टीवी में न्यूज एंकर हैं)

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