नई दिल्ली: पूरे देश में मूर्ती विवाद छाया हुआ है। त्रिपुरा में लेनिन की मूर्ती तोड़ने से शुरू हुआ ये विवाद कोलकाता में श्यामा प्रसाद मुर्खजी की मूर्ती और तमिलनाडू में पेरियार की मूर्ती तोड़े जाने तक जा पहुंचा है। अब इस विवाद में त्रिपुरा बीजेपी के प्रभारी और चुनावी जीत के नायक सुनील देवधर भी कूद पड़े हैं। सुनील ने ट्वीट करके पूछा है कि जिन्हें लेनिन के पुतले की पड़ी है वो तब कहां थे जब पिछले 13 महीनों में 11 बीजेपी कार्यकर्ताओं की हत्या कर दी गई।
अपने ट्वीट के साथ उन्होंने इन कार्यकर्ताओं की तस्वीरें भी शेयर की है। उन्होंने ट्वीट करके लिखा है कि लेनिन का पुतला गिरना ग़लत था। लेकिन आज जिनको पुतले की पड़ी है वें तब कहाँ नदारद थे जब गत 13 महीनों में सत्ता खोने के डर से बीजेपी के 11 कार्यकर्ताओं की त्रिपुरा में कॉमरेडों ने निर्ममता से हत्या की थी। वैसे इस मसले को बढ़ता देख खुद प्रधानमंत्री ने हस्तक्षेप किया है। प्रधानमंत्री मोदी ने गृह मंत्री राजनाथ सिंह से बात करके राज्यों को दिशा निर्देश जारी करके इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए जरूरी ऐहतियात बरतने के लिए कहा है।
वही राजनाथ सिंह भी मंगलवार को त्रिपुरा के राज्यपाल तथागत रॉय और राज्य पुलिस प्रमुख अखिल कुमार शुक्ला से बात कर हिंसा रोकने के लिए कदम उठाने का आग्रह कर चुके हैं। पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने ट्वीट करके इस तरह की गतिविधी में शामिल भाजपा कार्यकर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई करने की बात कही है। तमिलनाडू बीजेपी के नेता ने पेरियार पर अपने फेसबुक पोस्ट के लिए खेद जताते हुए उससे खुद को अलग कर लिया है। साथ ही पोस्ट करने वाले एडमिन को हटाने की भी बात कही है।
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