नई दिल्ली: बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो मायावती के उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा उपचुनावों में अकेले उतरने के ऐलान के साथ ही समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय लोकदल के साथ उनका गठबंधन खत्म हो गया। मायावती के इस फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए भारतीय जनता पार्टी ने कहा है कि गठबंधन के इस अंजाम की भविष्यवाणी तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहले ही कर दी थी। आपको बता दें कि लोकसभा चुनावों के प्रचार के दौरान मोदी ने चुनावी सभाओं में कहा था कि सपा-बसपा-रालोद गठबंधन की एक्सपायरी डेट 23 मई है।
बीजेपी नेता जीवीएल नरसिम्हा राव ने कहा, ‘मोदी जी एक सकारात्मक राजनीति करने वाले, विकास आधारित राजनीति करने वाले, नए भारत की स्थापना के लिए राजनीति करने वाले नेता है, लेकिन ये लोग एक घिसे-पिटे पुराने राजनीतिक इक्वेशन को लेकर आज भी चल रहे हैं। इनको लगता है कि किसी समुदाय या जाति के वोट के ऊपर इनका होलसेल अधिकार है और वे समुदाय हमें वोट करेंगे ही करेंगे। यह गठबंधन टूटेगा इसकी भविष्यवाणी हमने और माननीय प्रधानमंत्री ने महीनों पहले ही कर दी थी। क्योंकि इस गठबंधन में जनता के लिए कुछ नहीं था और ये केवल अपने फायदे के लिए राजनीति कर रहे थे।’
वहीं, उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री और बीजेपी के नेता श्रीकांत शर्मा ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, ‘सपा और बसपा का गठजोड़ निजी स्वार्थों पर आधारित था और इसमें जनता का हित कहीं नहीं था, इसलिए जनता ने इस गठजोड़ को नकारा है। पहले जनता ने सपा और कांग्रेस के गठजोड़ को नकारा था और अब लोकसभा चुनाव में सपा और बसपा के गठजोड़ को नकारा है। अखिलेश यादव अपनी पार्टी के साथ क्या करना चाहते हैं यह उनका मसला है। यह उनके ऊपर है कि वह अपने पिता और चाचा के राजनीतिक अनुभवों का फायदा उठाना चाहते हैं या समाजवादी पार्टी को पूरी तरह समाप्त करना चाहते हैं।’
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