भाजपा सांसदों ने दिलाई सर्जिकल स्ट्राइक की याद, दबाव में सरकार
उत्तर प्रदेश के भाजपा सांसदों ने पाकिस्तान के खिलाफ सर्जिकल स्ट्राइक की याद दिलाई है जिससे पूरी दुनिया को यह संकेत मिला था कि भारत अब पठानकोट और उरी जैसे हमलों पर चुप नहीं बैठेगा।
नई दिल्ली: पुलवामा आतंकी हमले को लेकर नाराजगी से जूझ रही भारतीय जनता पार्टी की अगुवाई वाली केंद्र सरकार पर अपनी ही पार्टी के सांसद पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब देने पर दबाव डाल रहे हैं। लोकसभा चुनाव से पहले हमले हुए हैं इसलिए उत्तर प्रदेश के भाजपा सांसदों ने पाकिस्तान के खिलाफ सर्जिकल स्ट्राइक की याद दिलाई है जिससे पूरी दुनिया को यह संकेत मिला था कि भारत अब पठानकोट और उरी जैसे हमलों पर चुप नहीं बैठेगा। उन्होंने मोदी सरकार से सितंबर 2016 के सर्जिकल स्ट्राइक की तरह सीमापार आतंकियों पर हमले कर पाकिस्तान को सबक सिखाने की उम्मीद कर रहे हैं।
भारत में पिछली बार 18 सितंबर 2016 को बड़ा आतंकी हमला हुआ था जबकि आतंकियों ने उरी में भारतीय सेना के शिविर पर धावा बोलकर 20 सैनिकों की हत्या कर दी थी। भारत ने इस घटना के 10 दिन बाद पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में सीमा के पास स्थित संदिग्ध आतंकी शिविरों पर सर्जिकल स्ट्राइक करके उसका जवाब दिया था।
उत्तर प्रदेश से आने वाले कई भाजपा सांसदों से आईएएनएस ने बात की और सरकार से उनकी अपेक्षाओं के बारे में जानना चाहा। उनमें से कई सांसदों ने सर्जिकल स्ट्राइक को याद करते हुए कहा कि सरकार को उचित कार्रवाइ करनी चाहिए। बरेली से सांसद केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार ने हमले की निंदा करते हुए कहा कि एक बार फिर पाकिस्तान का चरित्र उजाकर हो गया है।
उन्होंने कहा, "हम आने वाले दिनों में निश्चित रूप से कुछ बड़ा कदम उठाएंगे। सीआरपीएफ के शहीद जवानों के परिवारों के लिए मेरी सहानुभूति। ऐसा लगता है कि पाकिस्तान समझने को तैयार नहीं है। हमारे जवानों की शहादत बेकार नहीं जाएगी। हम क्षति की भरपाई नहीं कर सकते हैं, लेकिन जरूरी कार्रवाई अवश्य करेंगे।" मेरठ से सांसद राजेंद्र अग्रवाल ने हमले को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि सरकार सभी विकल्पों पर विचार करेगी।
उन्होंने कहा, "यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। लगता है कि सुरक्षा की चूक हुई जैसा कि जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल (सत्यपाल मलिक) ने भी कहा है। सुरक्षा मामले की मंत्रिमंडलीय समिति की आज बैठक हुई है और मैं उम्मीद करता हूं कि सरकार अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान को अलग-थलग करने के लिए सभी विकल्पों पर काम कर रही है।"
उन्होंने कहा, "सरकार द्वारा की जाने वाली सैन्य कार्रवाई का खुलासा नहीं किया जा सकता है, लेकिन हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि उरी के बाद सर्जिकल स्ट्राइक एक विकल्प के रूप में सामने आया।" राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के विचारक और भाजपा के राज्यसभा सदस्य राकेश सिन्हा ने मसले को अति संवेदनशील बताया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री घटना को लेकर उतने ही गुस्से में हैं जितने आमलोग और उन्होंने कहा कि मुजरिमों ने भारी भूल की है और इसके लिए उनको बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी।
उन्होंने कहा, "हमें प्रधानमंत्री ने जो कहा है उसके पीछे उनकी भावना को समझने की जरूरत है। इससे जनता की भावनाएं जाहिर होती हैं। सरकार लोगों की भावनाएं जानती है। रणनीति बनाना सरकार का काम है, लेकिन यह तय है कि देश के भीतर और बाहर आतंकवाद को समर्थन देने वालों को निर्दयता से पराजित करने के लिए वे पूरी कोशिश करेंगे।"
भाजपा के एक अन्य सांसद साक्षी महाराज ने कहा कि सरकार अपनी पूरी कोशिश करेगी। उन्होंने कहा, "सरकार से लोगों की बड़ी अपेक्षाएं हैं और सरकार निश्चित रूप से मुंहतोड़ जवाब देगी।" पुलवामा में शहीद हुए सीआरपीएफ के जवानों में उत्तर प्रदेश के 12 जवान शामिल हैं, जहां से लोकसभा में 80 सांसद चुनकर जाते हैं और प्रदेश में समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी ने मोदी को सत्ता से बेदखल करने के लिए आपस में गठबंधन किया है।