राम मंदिर पर संसद में होगा घमासान? भाजपा सांसद राकेश सिन्हा ने किया प्राइवेट मेंबर बिल लाने का ऐलान
राज्यसभा में भारतीय जनता पार्टी के सांसद राकेश सिन्हा ने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए प्राइवेट मेंबर बिल लाने का ऐलान किया है।
नई दिल्ली: राम मंदिर का मुद्दा एक बार फिर से देश की सियासत में छाने लगा है। जल्द ही संसद के शीतकालीन सत्र में इसका असर भी देखने को मिल सकता है। दरअसल, राज्यसभा में भारतीय जनता पार्टी के सांसद राकेश सिन्हा ने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए प्राइवेट मेंबर बिल लाने का ऐलान किया है। सिन्हा ने साथ ही इसके लिए राहुल गांधी, लालू यादव, अखिलेश यादव और सीताराम येचुरी समेत कई अन्य नेतओं से इस मसले पर अपना रुख साफ करने के लिए चुनौती दी है।
‘दूध का दूध, पानी का पानी करने का समय आ गया’
सिन्हा ने अपने ट्वीट में लिखा है कि जो लोग भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को उलाहना देते रहते हैं कि राम मंदिर की तारीख बताएं, उनसे सीधा सवाल है कि क्या वे मेरे प्राइवेट मेंबर बिल का समर्थन करेंगे। सिन्हा ने अपने ट्वीट में आगे लिखा कि अब दूध का दूध और पानी का पानी करने का समय आ गया है। इसके साथ ही उन्होंने अपने ट्वीट में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव, माकपा नेता सीताराम येचुरी, राजद सुप्रीमो लालू यादव और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू को टैग किया है।
एक बार फिर से सियासत के केंद्र में अयोध्या
भारतीय जनता पार्टी के हालिया रुख से साफ है कि 2019 के लोकसभा चुनावों से पहले अयोध्या का मुद्दा एक बार फिर सियासत के केंद्र में रहने वाला है। सिन्हा से पहले उत्तर प्रदेश के आंबेडकरनगर से भाजपा के लोकसभा सांसद हरिओम पांडेय ने भी आयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए संसद में प्राइवेट मेंबर बिल लाने की बात कही थी। आपको बता दें कि अयोध्या मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट द्वारा जनवरी महीने तक टाले जाने के बाद से ही इस मुद्दे पर संघ से लेकर हिंदूवादी संगठनों की तरफ से तमाम बयान आए हैं।
क्या होता है प्राइवेट मेंबर बिल?
भारत की संसद में किसी भी कानून को बनाने की प्रक्रिया की शुरुआत लोकसभा या राज्यसभा में बिल पेश करने से होती है। बिल को सरकार के मंत्री या संसद के किसी सदस्य की तरफ से पेश किया जा सकता है। यदि सरकार के मंत्री बिल पेश करते हैं तो उसे गवर्नमेंट बिल और अन्य स्थिति को प्राइवेट मेंबर बिल कहते हैं। हालांकि प्राइवेट मेंबर बिल का कानून की शक्ल लेना पार्टी लाइन या फिर सरकार के रुख पर निर्भर करता है। लोकसभा और राज्यसभा में हर शुक्रवार को दोपहर बाद का समय निजी विधेयक (प्राइवेट मेंबर बिल) पेश करने के लिए तय किया गया है।