नई दिल्ली: भाजपा नेतृत्व के खिलाफ उत्तर प्रदेश में दलित सांसदों की नाराजगी लगातार बढ़ती जा रही है। यूपी के रॉबर्ट्सगंज से पार्टी के दलित सांसद छोटेलाल खरवार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की शिकायत की है। छोटेलाल की चिट्ठी में यूपी प्रशासन द्वारा उनके घर पर जबरन कब्जे और उसे जंगल की मान्यता देने की शिकायत की गई है। PM मोदी को लिखे पत्र में छोटेलाल ने कहा है कि जिले के आला अधिकारी उनका उत्पीड़न कर रहे हैं। मामले में उन्होंने दो बार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की, लेकिन सीएम ने उन्हें डांटकर भगा दिया।
छोटेलाल ने पीएम को लिखी चिट्ठी में दो शिकायतें की है। पहली शिकायत में कहा है कि जब प्रदेश में अखिलेश सरकार थी उस समय 2015 में नौगढ़ वन क्षेत्र में अवैध कब्जे की शिकायत पीएम समेत कई लोगों से की लेकिन कार्रवाई की बजाय अधिकारियों ने मेरे घर को ही वन क्षेत्र में डाल दिया। राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के आदेश पर दोबारा पैमाईश में सच सामने आया कि मेरा घर वनक्षेत्र में नहीं है।
दूसरा मामला प्रदेश में योगी सरकार बनने के बाद का है। अक्टूबर 2017 में मेरे भाई (क्षेत्र पंचायत नौगढ़ का प्रमुख) के खिलाफ समाजवादी पार्टी की तरफ से अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था, जिस पर वोटिंग के दौरान असलहों से लैस अपराधी तत्व के लोगो ने मेरे पर रिवॉल्वर तान दी, जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल कर धमकी दी गाली दी उस समय अधिकारी भी मौजूद थे लेकिन उन्होंने कोई करवाई नही की। हमारे पार्टी के लोग और पुलिस अधिकारी भी शामिल थे।
जमीन पर कब्जे को लेकर भाजपा सांसद ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर इंसाफ की गुहार लगाई है। सांसद ने पीएम से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र पांडेय और संगठन मंत्री सुनील बंसल की शिकायत की है। पीएम मोदी ने सांसद छोटेलाल को उचित कार्रवाई का भरोसा दिया है। ये पहला मौका नहीं है जब यूपी के किसी नेता ने सीएम योगी से नाराजगी जताई है। इससे पहले भाजपा की दलित सांसद सावित्री बाई फुले ने भी सरकार से नाराजगी जताई थी। उससे पहले सहयोगी ओम प्रकाश राजभर भी सीएम योगी से ख़फ़ा थे।
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