हरीश रावत ने जनरल बाजवा को कहा 'प्रा' तो भड़क गए बलूनी, दिया बड़ा बयान
रावत ने हाल में एक ट्वीट में बाजवा को 'प्रा' कहते हुए इस्लामाबाद में इमरान के शपथ ग्रहण समारोह के दौरान सिद्धू के उन्हें गले लगाने को उचित ठहराया था।
देहरादून: कांग्रेस महासचिव एवं पंजाब प्रभारी हरीश रावत द्वारा हाल में पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा को 'प्रा' (पंजाबी भाषा में भाई) कहे जाने पर भारतीय जनता पार्टी के सांसद अनिल बलूनी ने कड़ी आपत्ति जताई है और इससे दोनों नेताओं के बीच जुबानी जंग छिड़ गई है। उत्तराखंड से राज्यसभा सदस्य और बीजेपी के राष्ट्रीय मीडिया प्रमुख अनिल बलूनी ने एक वीडियो जारी कर कहा कि यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि एक ऐसे व्यक्ति को भाई कहा जा रहा है जिसके हाथ भारतीयों और उत्तराखंड के वीर जवानों के खून से रंगे हैं।
‘आप सिद्धू के बयानों को उचित ठहरा रहे हैं’
बलूनी ने रावत से कहा, ‘आप देवभूमि के रहनेवाले हैं। यहां के प्रत्येक घर से कोई न कोई सेना में है। इस तरह का बयान देकर आप तुष्टीकरण की किस तरह की राजनीति कर रहे हैं, किस तरह के वोट बैंक की राजनीति कर रहे हैं।’ बीजेपी सांसद ने कांग्रेस की पंजाब इकाई के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू की प्रशंसा करने को लेकर भी रावत आलोचना की। उन्होंने कहा, ‘आप सिद्धू के बयानों को उचित ठहरा रहे हैं जबकि आपकी ही पार्टी के वरिष्ठ नेता और पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह उन्हें देश की सुरक्षा के लिए खतरनाक बता रहे हैं।’
रावत ने एक ट्वीट में बाजवा को बताया था ‘प्रा’
अगले साल की शुरुआत में उत्तराखंड में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस की प्रचार समिति के प्रमुख बनाए गए रावत ने हाल में एक ट्वीट में बाजवा को 'प्रा' कहते हुए इस्लामाबाद में इमरान खान के शपथ ग्रहण समारोह के दौरान सिद्धू के उन्हें गले लगाने को उचित ठहराया था और कहा था कि एक पंजाबी का दूसरे पंजाबी 'प्रा' को गले लगाना कैसे देशद्रोह हो सकता है। रावत ने कहा था, ‘विभाजन के बाद पंजाब का जो हिस्सा पाकिस्तान में रह गया, उसे भी पंजाब ही कहा जाता है और वहां रहने वालों को पंजाबी ही कहा जाता है।’
‘इसमें बीजेपी को राजनीति नजर आती है’
उन्होंने कहा था, ‘सिद्धू यदि दूसरे पंजाबी व्यक्ति से, जो पाकिस्तान का जनरल है, उससे गले मिले तो श्री करतारपुर साहिब कॉरिडोर को खोलने के विषय में मिले।’ उन्होंने कहा कि इसमें बीजेपी को राजनीति नजर आती है। रावत ने कहा कि उन्हें तो तब भी राजनीति नजर नहीं आई थी जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बिना बुलाए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के घर चले गए थे और वहां उनसे गले मिले थे और बिरयानी का लुत्फ उठाया था। उन्होंने बलूनी से कहा, ‘सेना में मेरे परिवार, रिश्तेदारी-नातेदारी के लोग सिपाही से लेकर ब्रिगेडियर रैंक तक विभिन्न पदों पर हैं, इसलिए अपने लेक्चर को वह (बलूनी) अपने पास रखें।’