कोलकाता: पश्चिम बंगाल के नोआपाड़ा विधानसभा उपचुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी की पश्चिम बंगाल इकाई को जबरदस्त झटका लगा है। पार्टी की प्रत्याशी और तृणमूल कांग्रेस की पूर्व विधायक मंजू बसु ने बीजेपी का पाला छोड़ कर एक बार फिर से तृणमूल का ही दामन थाम लिया है। बीजेपी के केन्द्रीय नेतृत्व ने रविवार की शाम उपचुनाव के लिए पार्टी के प्रत्याशी के रूप में मंजू बसु के नाम की घोषणा की थी। इसके कुछ ही घंटों के बाद मंजू ने बताया कि वह अभी भी तृणमूल कांग्रेस के साथ हैं।
मंजू ने कहा, ‘मैं तृणमूल कांग्रेस की सुप्रीमो ममता बनर्जी की एक वफादार सिपाही हूं। मैं अभी भी तृणमूल के साथ हूं और ममता बनर्जी में मेरा पूरा विश्वास है।’ भारतीय जनता पार्टी के सूत्रों ने बताया कि मंजू ने पार्टी के टोल-फ्री नंबर पर सदस्यता के लिए मिस्ड कॉल किया था। उनके पार्टी से जुड़ने के बारे में कोई अधिकारिक घोषणा नहीं की गई थी। तृणमूल के टिकट पर नोआपाड़ा से 2 बार विधायक रही मंजू ने मामले पर ज्यादा कुछ नहीं कहा। उन्होंने बस इतना बताया कि बीजेपी के प्रस्ताव को खारिज करने का यह उनका निजी निर्णय है।
उन्होंने कहा, ‘आपको कई राजनीतिक दलों से प्रस्ताव मिल सकते हैं। लेकिन इसे स्वीकार करने या नहीं करने का फैसला आपका व्यक्तिगत होता है।’ कुछ महीनों पहले कांग्रेसी विधायक मधुसूदन घोष के निधन के चलते नोआपाड़ा विधानसभा सीट खाली हुई थी। यहां 29 जनवरी को उपचुनाव होने वाला है और मतगणना एक फरवरी को होगी। हालांकि उपचुनाव के ठीक पहले उनका तृणमूल के साथ चले आना, और वह भी तब जब बीजेपी ने उनको टिकट देने की घोषणा कर दी थी, निश्चित तौर पर पार्टी के लिए एक बड़ा झटका है।
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