'मन की बात': पीएम मोदी ने कहा, आतंकवाद मानवता के लिए सबसे बड़ा खतरा
गुजरात में आज केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह सहित भाजपा नेता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 'मन की बात' 'चाय के साथ' के साथ सुनेंगे.
नई दिल्ली: गुजरात में आज केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह सहित भाजपा नेता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 'मन की बात' 'चाय के साथ' के साथ सुनेंगे. मन की बात कार्यक्रम की 38वीं कड़ी के लिए पीएम मोदी ने लोगों से उनके विचार साझा करने का अनुरोध किया था.
प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया, 'यह जानकर खुश हूं कि गुजरात भाजपा के कार्यकर्ता मतदान केंद्रों पर जा रहे हैं और साथ में मन की बात सुनेंगे'. उल्लेखनीय है कि गुजरात में अगले महीने दो चरणों में होने वाले चुनाव के लिए प्रचार का कार्य ज़ोरशोर से चल रहा है.
इस कार्यक्रम का नाम 'मन की बात-चाय के साथ' रखा गया है जो 182 विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों में 50,128 बूथों पर होगा. पार्टी की तरफ से कहा गया कि भाजपा अध्यक्ष अमित शाह अहमदाबाद के दरियापुर निर्वाचन क्षेत्र में कार्यक्रम में शामिल होंगे. केंद्रीय वित्त मंत्री सूरत-पश्चिम सीट के अडाजन क्षेत्र में एक बूथ पर लोगों के साथ चाय पिएंगे.
विभिन्न जगहों पर कार्यक्रम में शामिल होने वाले पार्टी नेताओं में केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल, धर्मेंद्र प्रधान, उमा भारती, स्मृति ईरानी, जुएल ओराव, पुरुषोत्तम रूपाला, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष जीतू वघानी, मुख्यमंत्री विजय रूपाणी और गुजरात के कई मंत्री, विधायक तथा सांसद शामिल हैं.
मन की बात लाइव अपडेट:
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इस संविधान-सभा में महंत्वपूर्ण विषयों पर 17 अलग-अलग समितियों गठन हुआ था।
भारत ही नहीं विश्व की सभी मानवतावादी शक्तियों को एकजुट होकर, आतंवाद को पराजित करना होगा।
26/11 हमारा संविधान दिवस है लेकिन ये देश कैसे भूल सकता है कि नौ साल पहले 26/11 को, आतंवादियों ने मुंबई पर हमला बोल दिया था।
आतंकवाद ने विश्व की मानवता को ललकारा है। आतंकवाद ने मानवतावाद को चुनौती दी है। वो मानवीय शक्तियों की नष्ट करने पर तुला हुआ है इसलिए सिर्फ भारत ही नही, विश्व की सभी शक्तियों को एकजुट हो आतंकवाद को पराजित करना होगा।
भगवान बुद्ध भगवान महावीर गुरु नानक महात्मा गांधी की यही वो धरती है जिसने अहिंसा और प्रेम का संदेश दुनिया को दिया है।
आतंकवाद और उपद्रव, हमारी सामाजिक संरचना को कमजोर कर, उन्हें तोड़ने का प्रयास किया है।
मानवतावादी शक्तियों का अधिक जागरुक होना समय की मांग है।