नई दिल्ली: 30 मई को होने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शपथग्रहण समारोह के लिए बंगाल हिंसा में मारे गए लोगों के परिजनों को न्योता दिया गया है। 16 जून 2013 के बाद मारे गए 54 लोगों के परिजनों को निमंत्रण भेजा गया है। लोकसभा चुनाव के दौरान ही बंगाल में बीजेपी के कई कार्यकर्ताओं की हत्या हो गई थी और कई लोग घायल हो गए थे। चुनाव परिणाम आने के बाद भी बंगाल में हिंसा का दौर जारी है। इस कदम को पश्चिम बंगाल में अपना कद बढ़ाने की कोशिश कर रही बीजेपी का अहम कदम माना जा रहा है।
बता दें कि मोदी के दूसरे कार्यकाल के लिये होने वाले शपथग्रहण समारोह में सभी प्रदेशों के राज्यपालों, मुख्यमंत्रियों और प्रमुख विपक्षी दलों के नेताओं को आमंत्रित किया गया है। जिन विपक्षी नेताओं को आमंत्रित किया गया है उसमें कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, तृणमूल कांग्रेस प्रमुख और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, जद (एस) नेता और कर्नाटक के मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी और आप प्रमुख तथा दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल शामिल हैं।
सूत्रों ने कहा कि सभी मुख्यमंत्रियों, राज्यपालों, पूर्व प्रधानमंत्रियों और पूर्व राष्ट्रपतियों को कार्यक्रम के लिये न्योता भेजा गया है। उन्होंने कहा कि समारोह के लिये सभी बड़े राष्ट्रीय और क्षेत्रीय दलों को न्योता भेजा जा रहा है।
वहीं बीजेपी ने पार्टी को आगे बढ़ाने के लिए अपनी जान की कुर्बानी देने वाले ऐसे 54 लोगों को शपथ ग्रहण में शामिल होने का न्योता दिया है। बीजेपी ने इन सभी कार्यकर्ताओं के परिवार के लोगों को शपथ ग्रहण के कार्यक्रम में विशेष रूप से बुलाया है। जिन कार्यकर्ताओं की हत्या हुई है दिल्ली में उनके परिवार के लोगों के रहने-ठहरने की सारी व्यवस्था भी पार्टी ने की है।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद गुरुवार को शाम सात बजे राष्ट्रपति भवन में मोदी और उनकी मंत्रिपरिषद के अन्य सदस्यों को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाएंगे। लोकसभा चुनाव में एक-दूसरे पर तीखे हमले के बाद विपक्षी नेताओं को न्योते को मोदी की ओर से उन तक पहुंचने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है। चुनाव में भाजपा ने जबर्दस्त जीत दर्ज की। सरकार ने शपथ ग्रहण समारोह में बिम्सटेक देशों के नेताओं को भी आमंत्रित किया है।
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