बेंगलुरु: दो विधायकों द्वारा अपने इस्तीफे भेजकर जदएस-भाजपा गठबंधन सरकार को झटका देने के अगले दिन बीजेपी कर्नाटक इकाई के अध्यक्ष बी एस येदियुरप्पा ने कहा कि 2 जुलाई से शुरू हो रहे विधानसभा के मानसून सत्र में भाजपा की अविश्वास प्रस्ताव लाने की कोई योजना नहीं है। अपने दो विधायकों के इस्तीफे के पीछे भाजपा का हाथ होने के कांग्रेस के आरोप का खंडन करते हुए येदियुरप्पा ने कहा कि यह सत्तारूढ़ दल के अंदर के ‘मतभेदों’ को छिपाने की चाल है।
उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘ हमने कभी नहीं कहा कि हम कांग्रेस या जदएस के खिलाफ कोई अभियान चलायेंगे। हमने कहा था कि कुछ असंतुष्ट (विधायक) बाहर आ सकते हैं।’’ उन्होंने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दिनेश गुंडू राव पर इस्तीफों के लिए भाजपा को जिम्ममेदार ठहराकर अपनी पार्टी के नेताओं के बीच के मतभेदों से ध्यान हटाने की कोशिश करने का आरोप लगाया।
कांग्रेस नेताओं की इस धमकी पर कि वे भाजपा के खिलाफ भी ऐसा ही अभियान चला सकते हैं, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि वे पिछले तीन महीने से यह कहते आ रहे हैं और उन्हें हमारी चुनौती है कि वे ऐसा करके दिखाएं। कांग्रेस विधायकों आनंद सिंह और रमेश जरकिहोली ने सोमवार को विधानसभा अध्यक्ष को अपना अपना इस्तीफा भेजा था जो पहले से अंसतोष से जूझ रही 13 माह पुरानी एच डी कुमारस्वामी सरकार के लिए एक बड़ा झटका है।
राव ने भाजपा पर (कर्नाटक) सरकार को अस्थिर करने की कोशिश के तहत विधायकों पर दबाव बनाने और उन्हें ब्लैकमेल करने के लिए सत्ता और केंद्रीय एजेंसियों का दुरूपयोग करने का आरोप लगाया था। येदियुरप्पा ने एक सवाल के जवाब में कहा कि वह कांग्रेस या जदएस के असंतुष्ट विधायकों के संपर्क में नहीं हैं।
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