लखनउ: बसपा मुखिया मायावती पर अभद्र टिप्पणी करने के आरोप में पिछले साल भाजपा से निकाले गये पार्टी की उत्तर प्रदेश इकाई के तत्कालीन उपाध्यक्ष दयाशंकर सिंह का निष्कासन आज खत्म कर दिया गया। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य ने यहां बताया कि पिछले साल जुलाई में बसपा मुखिया मायावती के बारे में भद्दी टिप्पणी करने पर पार्टी से निकाले गये सिंह का निष्कासन रद्द करके उन्हें दोबारा पार्टी में वापस ले लिया गया है।
सिंह की पत्नी और प्रदेश महिला मोर्चा की अध्यक्ष स्वाति कल ही लखनउ की सरोजिनीनगर सीट से विधायक चुनी गयी हैं। मालूम हो कि गत वर्ष जुलाई में भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष दयाशंकर सिंह ने मउ में संवाददाताओं से बातचीत में बसपा अध्यक्ष मायावती के बारे में भद्दी टिप्पणी करते हुए उन पर ज्यादा से ज्यादा धन देने वालों को पार्टी का चुनाव टिकट बेचने का आरोप लगाया था। हालांकि मामला तूल पकड़ने पर सिंह ने माफी भी मांग ली थी लेकिन उन्हें पार्टी से छह साल के लिये निकाल दिया गया था। सिंह के खिलाफ अनुसूचित जाति एवं जनजाति (अत्याचार निरोधक) अधिनियम तथा भारतीय दंड सहिता की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया था। बाद में, सिंह को गिरफ्तार किया गया था।
बसपा कार्यकर्ताओं ने लखनउ के हजरतगंज में जोरदार विरोध प्रदर्शन करते हुए सिंह की मां, बहन और पत्नी के खिलाफ नारे लगाते हुए आपत्तिजनक टिप्पणियां की थीं। उस प्रदर्शन की अगुवाई बसपा महासचिव नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने की थी। इस मामले में सिंह की मां तेतरा देवी की तरफ से हजरतगंज कोतवाली मंे बसपा मुखिया मायावती, महासचिव नसीमुद्दीन सिद्दीकी और प्रदेश अध्यक्ष रामअचल राजभर आदि के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी गयी थी।स्वाति ने इन तमाम आरोपियों की गिरफ्तारी ना होने पर सवाल उठाते हुए मायावती के खिलाफ मोर्चा खोला था। इसको लेकर वह सुर्खियों में आयी थीं।
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