नई दिल्ली: एससीएसटी एक्ट में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद शुरू हुआ विवाद धीरे धीरे सरकार के गले की फांस बनता जा रहा है। पार्टी के कई दलित सांसद, विधायक और नेताओं के सुर थोड़ बागी नजर आ रहे हैं। बहराइज से बीजेपी सांसद सावित्रीबाई फुले और रॉबर्ट्सगंज से सांसद छोटेलाल खरवार के बाद एक और पार्टी के दलित सासंद ने विरोध का स्वर मुखर किया है। ताजा मामला उत्तर प्रदेश के नगीना से सांसद यशवंत सिंह से जुड़ा है। यशवंत सिंह ने प्रधानमंत्री मोदी को चिट्ठी लिखकर आरोप लाया है कि केंद्र सरकार देश के दलितों को नजरअंदाज कर रही है। एक दलित होने के नाते मेंरी क्षमताओं का अब तक प्रयोग नहीं किया गया है मैं सासंद बना हूं तो सिर्फ आरक्षण के चलते।
चार साल में 30 करोड़ दलितों के लिए सरकार ने कुछ नहीं किया। इसके अलावा इस खत्म में सुप्रीम कोर्ट से एससी-एसटी एक्ट पर अपना फैसला बदलने की भी अपील की गई है। इससे पहले हाल ही रॉबर्टगंज से रॉबर्ट्सगंज से सांसद छोटेलाल खरवार भी योगी आदित्यनाथ के खिलाफ प्रधानमंत्री मोदी को चिट्ठी लिख चुके हैं। अपने पत्र में उन्होंने लिखा था कि वो दो बार सीएम योगी आदित्यनाथ से भ्रष्टाचार के मुद्दे पर मिले थे लेकिन उन्होंने उन्हें डांट कर निकाल दिया।
छोटेलाल जो खुद एक सांसद हैं उन्होंने इस मामले की राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग (एनसीएससी) में भी शिकायत की है। इसके अलावा बहराइज से बीजेपी सांसद सावित्रीबाई फुले भी अपनी पार्टी के खिलाफ रैली का आयोजन कर चुकी हैं। उनके जल्द बीएसपी का दामन थामने के भी कयास लगाए जा रहे हैं।
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