भाजपा ने हिंसा पर राजनीति करने के लिए कांग्रेस और आप की निंदा की
भारतीय जनता पार्टी ने दिल्ली हिंसा की घटनाओं पर राजनीति करने के लिए कांग्रेस और आम आदमी पार्टी की निंदा की है।
नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी ने दिल्ली हिंसा की घटनाओं पर राजनीति करने के लिए कांग्रेस और आम आदमी पार्टी की निंदा की है। केंद्रीय मंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता प्रकाश जावड़ेकर ने भाजपा मुख्यालय में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि भाजपा शांति बहाल करने के लिए काम कर रही है, हिंसा पर राजनीति करने के लिए कांग्रेस, आप की निंदा करते हैं। जावडे़कर ने दावा किया कि पिछले साल दिसंबर में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के ‘आर या पार’ के आह्वान के बाद दो महीने तक हिंसा भड़काने की कोशिश की गयी । केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर ने पूछा कि पुलिसकर्मियों पर हमले और खुफिया ब्यूरो के कर्मचारी अंकित शर्मा की मौत पर अन्य राजनीतिक दल चुप क्यों हैं । उन्होंने कहा, ‘‘ऐसी स्थिति में सभी राजनीतिक दलों का दायित्व है कि शांति कायम करने का प्रयास करें।’’
उन्होंने कहा कि दो दिनों में शांति बहाल हो गई है, जांच तेज की गई है और गिरफ्तारियां हुई हैं। उन्होंने कहा कि हिंसा भड़काने की कोशिशें दो महीने से चल रही थी, सोनिया गांधी ने दिसंबर में एक रैली में ‘अंतिम लड़ाई’ का आह्वान किया था।जावड़ेकर ने कहा कि जांच तेजी से चल रही है, गिरफ्तारी भी हो रही है,दोषी और साजिशकर्ता सामने आएंगे। लेकिन दिल्ली विधानसभा में सीएम मरनेवालों का मजहब बता रहे हैं। इसके बजाय वे वहां जाते और जाकर शांति की अपील करते।
कांग्रेस भी राष्ट्रपति के पास जाकर बयान दे रही। पिछले दो महीने से लोगों को उकसाया जा रहा है। सोनिया गांधी ,प्रियंका, राहुल सबने उकसाने वाले बयान दिए..किसी की नागरिकता नहीं जानी लेकिन जानबूझकर गलत बयानी और उकसाने वाली बयानबाजी की गयी। सोनिया का आर-पार वाला बयान, प्रियंका का 'जो नहीं लड़े वो कायर' वाला बयान। मणिशंकर और शशि थरूर शाहीन बाग गए।
ताहिर हुसैन के घर में पूरे दंगे की तैयारी पर कांग्रेस चुप है। आप विधायक अमानतुल्लाह ने उकसाया कि टोपी नहीं पहनने दिया जाएगा,जिन्ना वाली आजादी ,असम को अलग करना..सारे उकसाने वाले बयान लेकिन ना कांग्रेस बोल न ही आम आदमी पार्टी। ऐसी राजनीति की हम भर्त्सना करते हैं।पुलिस पर हमला किया गया तो भी पार्टियां चुप हैं ।पत्रकारों पर हमले हुए ।पत्रकारों को भी बख्शा नहीं गया।