मुंबई: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के एक नेता ने मंगलवार को खुलासा किया कि खुले विरोध के बावजूद भाजपा के साथ गठबंधन करने के शिवसेना के फैसले में भाजपा प्रबंधकों ने अहम भूमिक निभाई। दरअसल, भाजपा प्रबंधकों ने शिवसेना को संकेत दिए कि अगर उसने अभी गठबंधन नहीं किया तो वह चुनाव के बाद भाजपा के सबसे बड़े दल के रूप में उभरने की स्थिति में ‘‘मोलभाव करने की शक्ति’’ खो सकती है। इसके अलावा, भाजपा ने शिवसेना की चिर प्रतिद्वंद्वी मनसे और राकांपा के बीच कई बैठकों और दोनों दलों के बीच पर्दे के पीछे संभावित समझौते का जिक्र किया।
शिवसेना के साथ समझौते की बातचीत में शामिल रहे भाजपा नेता ने कहा कि उद्धव ठाकरे नीत पार्टी से यह भी कहा गया कि भाजपा के लिए मनसे और राकांपा राजनीतिक रूप से अछूत नहीं हैं। भाजपा नेता ने कहा कि इसी बातचीत के बाद शिवसेना ने समझौते का फैसला किया। उन्होंने कहा, ‘‘वैसे कांग्रेस, मनसे के साथ किसी भी तरह के गठबंधन का विरोध करती है लेकिन राकांपा और मनसे के पर्दे के पीछे गठबंधन करने के डर से शिवसेना नेतृत्व को अवगत कराया गया।’’
भाजपा और उद्धव ठाकरे नीत पार्टी ने सोमवार को अपने तनावपूर्ण संबंधों को पीछे छोड़ते हुए लोकसभा और महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव मिलकर लड़ने की घोषणा की। महाराष्ट्र में लोकसभा की 48 सीटों में से भाजपा 25 और शिवसेना 23 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। वहीं, इस साल प्रस्तावित विधानसभा चुनाव में दोनों दल अन्य सहयोगी दलों को सीटें आवंटित करने के बाद बराबर-बराबर सीटों पर उम्मीदवार उतारेंगे।
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