बेंगलुरू: केंद्र में सत्ता में आने के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने गुरुवार को अपनी सबसे बड़ी रणनीतिक बैठक की शुरुआत की, लेकिन यह अभी तक साफ नहीं हो पाया है कि राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक को पार्टी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी संबोधित करेंगे या नहीं।
तीन दिनों तक चलने वाली भाजपा की बैठक के क्रम में गुरुवार को पार्टी के राष्ट्रीय कार्यालय के पदाधिकारियों की बैठक हुई और पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक शुक्रवार एवं शनिवार को तय है।
इस मुद्दे पर सवालों को टालते हुए पार्टी प्रवक्ता सैयद शाहनवाज हुसैन ने कहा, "पार्टी को सभी वरिष्ठ नेताओं का दिशानिर्देश प्राप्त है।" लेकिन शाहनवाज इस सवाल को टाल गए कि आडवाणी भाषण देंगे या नहीं।
आडवाणी भाजपा के संस्थापक सदस्यों में से एक हैं और सबसे कद्दावर नेता हैं। राष्ट्रीय कार्यकारिणी की सभी बैठकों में उन्होंने हिस्सा लिया और संबोधित किया। केवल गोवा में आयोजित उस बैठक से उन्होंने दूरी बना ली थी जिसमें नरेंद्र मोदी को लोकसभा चुनाव में पार्टी के प्रचार अभियान का प्रमुख बनाए जाने की घोषणा की गई थी।
आडवानी ने न केवल दूरी बनाई बल्कि पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा देने का पत्र भी भेज दिया था।
पार्टी के साथ दूरी बना लेने के उनके फैसले पर बाद में विचार किया गया। बाद में एक से अधिक बार आडवाणी ने आम चुनाव में भाजपा की जीत के लिए मोदी को धन्यवाद दिया।
पार्टी सूत्रों के मुताबिक, तीन बार भाजपा अध्यक्ष रह चुके आडवाणी इस बार पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक को संबोधित करने के इच्छुक नहीं हैं।
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