भुवनेश्वर: ओड़िशा में सत्तारूढ़ बीजू जनता दल (बीजद) ने अपने निलंबित लोकसभा सांसद बैजयंत पांडा से कहा है कि वह नैतिक आधार पर लोकसभा की सदस्यता से इस्तीफा दें। बीजद ने केंद्रपाड़ा से सांसद पांडा को 24 जनवरी को पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में निलंबित कर दिया था।
पार्टी ने पांडा पर यह आरोप भी लगाया है कि उन्होंने 2014 के लोकसभा चुनावों के दौरान चुनाव आयोग के समक्ष फर्जी हलफनामा सौंपा था। हालांकि, पांडा ने इस आरोप को नकारा है। बीजद के उपाध्यक्ष एवं पार्टी के विधायक वेदप्रकाश अग्रवाल ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘पांडा ने इस बात को छुपाया कि वह आईएमएफए के कर्मी के तौर पर काम कर रहे हैं और वेतन के तौर पर करोड़ों रूपए ले रहे हैं। उन्होंने इस तथ्य को क्यों छुपाया?’’ अग्रवाल ने कहा कि लोकसभा चुनावों के सिलसिले में 21 मार्च 2014 को दाखिल हलफनामे में उन्होंने यह बात छुपाई।
बहरहाल, पांडा ने पत्रकारों को बताया, ‘‘मेरे खिलाफ आरोप पूरी तरह गलत और बेबुनियाद हैं। चुनाव आयोग के समक्ष हलफनामा दाखिल करते वक्त मैं हमेशा देश के शीर्ष वकीलों से राय-मशविरा करता हूं।’’ साल 2009 और 2014 में पांडा लोकसभा के लिए चुने गए जबकि 2000 से 2009 तक राज्यसभा सदस्य रहे।
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