केंद्रीय मंत्री दिल्ली के पानी को जहरीला बताकर कर रहे हैं ‘गंदी राजनीति’: अरविंद केजरीवाल
बीआईएस के गुणवत्ता परीक्षण में राष्ट्रीय राजधानी के पानी के खरा नहीं उतरने के कुछ दिन बाद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को केंद्रीय मंत्रियों पर ‘गंदी राजनीति’ करने और यह बयान देकर लोगों को डराने का आरोप लगाया कि शहर का पेयजल जहरीला है।
नयी दिल्ली: बीआईएस के गुणवत्ता परीक्षण में राष्ट्रीय राजधानी के पानी के खरा नहीं उतरने के कुछ दिन बाद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को केंद्रीय मंत्रियों पर ‘गंदी राजनीति’ करने और यह बयान देकर लोगों को डराने का आरोप लगाया कि शहर का पेयजल जहरीला है। केजरीवाल ने कहा कि शहर के प्रत्येक वार्ड से सार्वजनिक रूप से औचक तरीके से पानी के पांच नमूने लिये जाएंगे।
उन्होंने कहा कि इस साल जनवरी से सितंबर के बीच दिल्ली जल बोर्ड ने 1.55 लाख पानी के नमूने लिये जिसमें से सिर्फ 1.5 फीसदी परीक्षण में विफल रहे। केंद्रीय उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान ने शनिवार को भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) की रिपोर्ट जारी की जिसमें कहा गया है कि दिल्ली, कोलकाता और चेन्नई के पेयजल 11 में से 10 गुणवत्ता मापदंडों पर खरे नहीं उतरे।
मुख्यमंत्री ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘ यह गंदी राजनीति है, केंद्रीय मंत्री जिस तरह से कह रहे हैं कि दिल्ली का पानी जहरीला है, उससे लोग डर गये हैं।’’ केंद्रीय मंत्री हर्षवर्द्धन ने शनिवार को कहा कि केजरीवाल मुफ्त जलापूर्ति के नाम लोगों को जहर दे रहे हैं और मांग की कि उन्हें मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा दे देना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘विश्व स्वास्थ्य संगठन के मानकों के अनुसार, प्रति 10 हजार की आबादी पर एक नमूने का परीक्षण किया जाना चाहिये। इसलिये, 11 की जगह परीक्षण के लिये कम से कम 2500 नमूनों की आवश्यकता होगी।’’
केजरीवाल ने कहा कि वह यह नहीं बता रहे हैं कि पानी के 11 नमूने कहां से लिये गये। उन्होंने कहा, ‘‘ उन्होंने यह नहीं बताया कि नमूने कहां से लिये गये। लेकिन हम पारदर्शी तरीके से हर वार्ड से यादृच्छिक नमूने लेंगे और उसका परीक्षण करेंगे।’’ उन्होंने यह भी कहा कि पहले केंद्रीय जल संसाधन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने दिल्ली के पानी को यूरोपीय मानकों से भी बेहतर बताया था। उन्होंने कहा, ‘‘ शेखावत और पासवान केंद्र सरकार में कैबिनेट मंत्री हैं। वे तय करें कि कौन सही हैं।’’
अपने सर्वेक्षण के पहले चरण में बीआईएस ने पाया कि दिल्ली के 11 सैंपल गुणवत्ता मापदंड पर खरे नहीं उतरे और पाइप से पहुंचाया जा रहा पानी पीने के लिये सुरक्षित नहीं है। मुख्यमंत्री ने ‘मुख्यमंत्री मुफ्त सीवर योजना’ की भी घोषणा की और कहा कि जिन लोगों को अबतक सीवर कनेक्शन नहीं मिला है, उन्हें 31 मार्च, 2020 तक आवेदन करने पर मुफ्त सीवर कनेक्शन मिलेगा। उन्होंने कहा, ‘‘ कुछ क्षेत्रों में जहां सीवर लाइनें बिछा तो दी गयी हैं लेकिन कुछ लोगों के पास अबतक कनेक्शन नहीं हैं, वहां के लिए दिल्ली सरकार ने सभी शुल्कों को माफ कर मुफ्त कनेक्शन देने का निर्णय लिया है।’’