अगरतला: त्रिपुरा विधानसभा चुनाव में भाजपा ने बड़ी जीत दर्ज की है। बीजेपी गठबंधन 59 में से 43 सीटें जीतने में कामयाब रही है। असम के बाद त्रिपुरा दूसरा ऐसा राज्य है जहां पार्टी अपने दम पर बहुमत लाने में कामयाब रही। त्रिपुरा में इस जीत के पीछे दो लोगों के नाम देखा जा रहा है जिनमें पहले है त्रिपुरा प्रभारी सुनील देवधर और दूसरे त्रिपुरा बीजेपी अध्यक्ष विप्लव देव। विप्लव देव इस समय मुख्यमंत्री पद के दौड़ में सबसे आगे चल रहे हैं।
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विप्लव देव की पृष्ठभूमि बहुत ही सामान्य रही है। देव का जन्म 25 नवम्बर 1971 को त्रिपुरा के गोमती जिले के राजधर नगर के एक मध्यम वर्ग परिवार में हुआ है। देव ने अपना स्नातक 1999 में उदयपुर कालेज से पूरा किया। उनके पिता हर्धन देव जनसंघ के स्थानीय नेता थे। विप्लव स्नातक की अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद आरएसएस में शामिल होने के लिए दिल्ली रवाना हो गए। 48 वर्षीय नेता ने लगभग 16 वर्षों तक संघ में काम किया।
देव ने संघ के दो प्रमुख नेताओं गोविंद आचार्य और कृष्णगोपाल शर्मा के मार्गदर्शन में काम किया। वह 2015 में त्रिपुरा लौट आये और भाजपा के केंद्रीय जन सम्पर्क प्रमुख का प्रभार संभाला। उन्हें छह जनवरी 2016 को प्रदेश भाजपा अध्यक्ष घोषित कर दिया गया। उन्होंने सुधींद्र दासगुप्ता का स्थान लिया। देव की पत्नी नीति भारतीय स्टेट बैंक में अधिकारी हैं। उनके एक पुत्र और एक पुत्री है। उनके खिलाफ कोई आपराधिक मामला दर्ज नहीं है।
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