पटना: राजद नेता तेजस्वी यादव ने बिहार में भाजपा के 17 सीटों पर चुनाव लड़ने पर सहमत होने के लिए पार्टी पर तंज कसा जबकि उसने पिछले चुनाव में 22 सीटों पर जीत हासिल की थी। राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता ने परोक्ष रूप से दावा किया कि भाजपा पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने लगाम कस दी है जो क्रमश: जनता दल (यूनाईटेड) और लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के प्रमुख हैं।
यादव ने ट्वीट कर कहा कि लोजपा और जेडीयू के लिए नोटबंदी को लेकर प्रधानमंत्री को सवालों के घेरे में खड़ा करना फायदेमंद रहा। उनका इशारा पासवान के बेटे एवं लोजपा संसदीय बोर्ड के प्रमुख चिराग पासवान द्वारा हाल में केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली को पत्र लिखकर नोटबंदी के फायदे गिनाने के लिए कहने की तरफ था।
नीतीश कुमार ने ‘महागठबंधन’ का हिस्सा रहते हुए नोटबंदी का समर्थन किया था जबकि इस वर्ष की शुरुआत में उन्होंने कहा कि इस पहल का उद्देश्य पूरा नहीं हो सका और काले धन को खत्म नहीं किया जा सका। इसके लिए उन्होंने बैंकिंग सेक्टर को जिम्मेदार ठहराया।
भाजपा पर प्रहार करते हुए यादव ने ट्वीट किया कि बिहार में पिछले दरवाजे से सत्ता में आने और पार्टी के वर्तमान में 22 सांसद होने के बावजूद पार्टी कुमार को बराबर सीट देने के लिए सहमत हो गई जिनके केवल दो सांसद हैं। राजद नेता ने कहा कि अब आप राजग की मजबूरियों को समझ सकते हैं।
राजग के साथ 17 वर्षों का गठबंधन खत्म करते हुए जेडीयू 2014 के लोकसभा चुनावों में अकेले लड़ी थी। खराब प्रदर्शन के बाद इसने राजद के साथ ‘महागठबंधन’ किया था और 2015 के विधानसभा चुनावों में गठबंधन को अच्छी जीत हासिल हुई थी।
Latest India News