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बिहार चुनाव में हेलीकॉप्टर का बोलबाला

पटना: वे दिन अब नहीं रहे जब चुनावों में लोगों से मिलने के लिए बड़े नेता ट्रेन और बस का सहारा लेते थे। अब तो हेलीकॉप्टर का जमाना आ गया है। बिहार के चुनाव में

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पटना: वे दिन अब नहीं रहे जब चुनावों में लोगों से मिलने के लिए बड़े नेता ट्रेन और बस का सहारा लेते थे। अब तो हेलीकॉप्टर का जमाना आ गया है। बिहार के चुनाव में यही नजर आ रहा है। वामपंथी दलों के नेताओं को छोड़ दें तो सभी दलों के नेता राज्य में एक जगह से दूसरी जगह जाने के लिए निजी हेलीकॉप्टरों का सहारा ले रहे हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और भाजपा की स्टार प्रचारकों की सूची में शामिल 10 से अधिक केंद्रीय मंत्री हेलीकॉप्टर से ही आ-जा रहे हैं।

इसी तरह जद-यू, राजद और कांग्रेस के महागठबंधन के नीतीश कुमार, लालू यादव, सोनिया गांधी और कई अन्य मुख्य प्रचारक हेलीकाप्टरों के ही सहारे पर हैं।

नीतीश के लिए उनकी पार्टी ने किराए पर हेलीकॉप्टर लिए हैं। वह एक दिन में चार से पांच रैलियां कर रहे हैं। लालू प्रसाद रोजाना पांच से छह रैलियां कर रहे हैं।

अगस्त-सितंबर में चुनाव की तारीखों का ऐलान भी नहीं हुआ था और मोदी गया, मुजफ्फरपुर, सहरसा और भागलपुर में रैलियां कर रहे थे। इनमें हिस्सा लेने के लिए भाजपा की सहयोगी लोक जनशक्ति पार्टी, राष्ट्रीय लोक समता पार्टी और हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा के नेताओं ने हेलीकाप्टर की सेवा ली थी।

अलग-अलग पार्टियों के नेताओं के मुताबिक बिहार में निजी कंपनियों के 20 हेलीकॉप्टर स्टार प्रचारकों के लिए सेवा में लगाए गए हैं। अधिकांश हेलीकाप्टर नई दिल्ली और मुंबई स्थित हवाई कंपनियों के हैं। कई इंजन वाले एक हेलीकॉप्टर के एक घंटे की उड़ान का किराया औसतन 2 लाख रुपये आता है।

आम तौर से एक स्टार प्रचारक रोजाना रैलियों को संबोधित करने के लिए तीन से चार घंटे की उड़ान पर रहता है।

अभी 16 हेलीकॉप्टर पटना हवाईअड्डे पर रखे गए हैं। पटना हवाईअड्डे के एक अधिकारी ने बताया, "हेलीकॉप्टर की काफी मांग है। ये समय बचाते हैं। इनकी मदद से नेता कम समय में बहुत अंदरूनी और दूर की जगहों तक भी आसानी से पहुंच जाते हैं।"

भाजपा के एक नेता ने बताया कि उनकी पार्टी ने सात हेलीकाप्टर किराए पर लिए हैं। सहयोगी लोजपा, रालोसपा ने एक-एक हेलीकॉप्टर किराये पर लिया हुआ है।

जद-यू, राजद और कांग्रेस ने 2-2 हेलीकॉप्टर किराए पर लिए हुए हैं।

यहां तक कि हाल ही में गठित जन अधिकार पार्टी के प्रमुख पप्पू यादव ने भी एक हेलीकॉप्टर किराये पर लिया है।

भाजपा नेता संजय मयूख ने माना कि हेलीकॉप्टर ग्रामीण इलाकों में भीड़ खींचते हैं। इससे नेता को अतिरिक्त लाभ मिल जाता है।

केवल वामपंथी नेता इस हेलीकॉप्टर कथा का हिस्सा नहीं हैं। मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के महासचिव सीताराम येचुरी और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी-मार्क्‍सवादी लेनिनवादी (भाकपा-माले) के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य सड़क और रेल के जरिए लोगों तक पहुंच रहे हैं। ऐसा नहीं है कि इन्हें धन की समस्या है, बल्कि इनका मानना है कि लोगों से जुड़ने के लिए उन्हीं के साधनों का इस्तेमाल होना चाहिए।

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