पटना: चारा घोटाले के एक मामले में शनिवार को राष्ट्रीय जनता दल (RJD) अध्यक्ष लालू प्रसाद को केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) की रांची स्थित विशेष अदालत द्वारा साढ़े तीन साल की सजा सुनाए जाने का भाजपा और जद (यू) ने जहां स्वागत किया है, वहीं राजद ने इस फैसले के खिलाफ उच्च न्यायालय जाने की बात कहते हुए पार्टी को और मजबूती मिलने की उम्मीद जताई है। बिहार के उपमुख्यमंत्री तथा इस मामले के याचिकाकर्ताओं में से एक सुशील कुमार मोदी ने कहा, "सजा सजा होती है, चाहे वह साढ़े तीन साल की हो या सात साल की। इस मामले में मैंने, शिवानंद तिवारी और ललन सिंह ने जो पुख्ता प्रमाण के साथ आरोप लगाए थे, आज अदालत ने सजा सुनाकर उस पर मुहर लगा दी है।"
उन्होंने कहा कि राजनीतिक बदले की भावना या दुर्भावना का आरोप लगाने वालों को बताना चाहिए कि मुकदमा चलाने की अनुमति देने वाले पूर्व राज्यपाल ए़ आऱ किदवई, तत्कालीन प्रधानमंत्री एच़ डी़ देवगौड़ा और जांच को अंजाम तक पहुंचाने वाले सीबीआई के तत्कालीन सहायक निदेशक यू़ एऩ बिस्वास किस दल से जुड़े थे?
उन्होंने कहा कि दरअसल गरीबों के नाम पर सत्ता में आए लोगों ने गरीबों का विश्वास तोड़कर गरीबों का धन लूटा। अब उन्हें बचने का बहाना छोड़कर प्रायश्चित करना चाहिए। अदालत की सजा वैसे लोगों के लिए एक सबक है जो पिछड़ों, दलितों व अकलियतों के नाम पर अपने आपराधिक कृत्य को जायज ठहराने की कोशिश करते हैं। भाजपा से दोस्ती कर राजद को सत्ता से बेदखल करने वाली पार्टी जद (यू) के वरिष्ठ महासचिव क़े सी़ त्यागी ने कहा कि यह फैसला राजनीति में भ्रष्टाचारियों के लिए एक सबक है। उन्होंने कहा, "हम इस फैसले का स्वागत करते हैं। यह बिहार की राजनीति में ऐतिहासिक फैसला साबित होगा। यह एक अध्याय का अंत है।"
राजद नेता और पूर्व स्वास्थ्य मंत्री तेजप्रताप यादव ने कहा, "हमलोग अदालत के फैसले का सम्मान करते हैं। जमानत के लिए उच्च न्यायालय में अपील करेंगे। हमें न्यायपालिका पर पूरा यकीन है।" उन्होंने कहा, "जिस तरह जेपी आंदोलन के दौरान लालू जेल गए, ठीक उसी तरह अब बिहार में एलपी (लालू प्रसाद) आंदोलन शुरू होगा। राजद का संघर्ष जारी रहेगा। हम डरनेवाले नहीं हैं।" तेजप्रताप ने अपने पिता को मिली सजा को सत्तारूढ़ दलों की साजिश बताया।
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