पटना: लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद बिहार में विपक्षी महागठबंधन के नेताओं की मंगलवार को पहली बैठक में जन सरोकार के मुद्दों पर लोगों को जागरूक करने का निर्णय किया गया। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के पटना स्थित आवास पर आयोजित बैठक के बाद विपक्षी महागठबंधन की ओर से एक प्रेस विज्ञप्ति जारी की गयी। इसमें कहा गया है कि राजद, कांग्रेस, रालोसपा, हम, वीआईपी पार्टी का महागठबंधन महज चुनाव के लिए नहीं था।
विज्ञप्ति में कहा गया, ‘‘हम सब का यह मानना है की गरीब गुरबा, पिछड़ा, दलित, वंचित समाज और युवाओं के सरोकारों से मौजूदा केंद्र और राज्य की सरकार को रत्ती भर भी परवाह नहीं है।’’ महागठबंधन द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति में आरोप लगाया गया है कि आरएसएस एवं भाजपा सरकार संविधान और आरक्षण को समाप्त करने की साज़िश रच रही है। आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने मंशा भी ज़ाहिर की है। हम सभी यह भी जानते हैं सामाजिक सौहार्द किस बदहाली से गुजर रहा है।
बिहार में एनडीए गठबंधन 12 वर्ष से अधिक समय से शासन कर रहा है फिर भी बिहार में शिक्षा, स्वास्थ्य, रोज़गार, पलायन, व्यापार और क़ानून व्यवस्था का बुरा हाल है। महागठबंधन की इस बैठक में बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव, हम (सेक्युलर) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतनराम मांझी, रालोसपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा, बिहार कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा, कांग्रेस के बिहार प्रभारी विरेन्द्र राठौर, विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुकेश सहनी तथा राजद के प्रदेश अध्यक्ष रामचंद्र पूर्वे मौजूद थे।
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