पटना: बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने आज आरोप लगाया कि सहारा समूह ने लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार को एक मुखौटा कंपनी के जरिये टाटा समूह से एक महंगी (पॉश) संपत्ति खरीदने में मदद की थी। राष्ट्रीय जनता दल ने इस आरोप को खारिज किया है। इस बारे में संपर्क करने पर सहारा समूह ने कहा कि उसका इस सौदे से कोई लेना-देना नहीं है। जबकि टाटा समूह ने इस पर टिप्पणी से इनकार किया।
मोदी ने इससे कुछ दिन पहले दावा किया था कि लालू के पुत्र तेजस्वी यादव समेत उन के परिवार ने टाटा स्टील एंड कंपनी से पटना के महंगे इलाके में दो मंजिला इमारत खरीदी है। करोड़ों रुपये का यह सौदा मुखौटा कंपनी फेयरग्रो होल्डिंग प्राइवेट लि मिटेड के जरिये किया गया। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि आयकर विभाग ने फरवरी में पटना में 5, राइडिंग रोड पर 7,105 वर्ग फुट के दो मंजिला घर को कुर्क किया है। यह मकान फेयरग्रो होल्डिंग के नाम पर पंजीकृत है।
मोदी ने यहां भाजपा कार्यालय में संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि राजेश कुमार जिसने पटना में फेयरग्रो की ओर से टाटा समूह से यह संपत्ति खरीदने के लिए 65 लाख रुपये का भुगतान किया है वह न तो कंपनी में निदेशक है न ही शेयरधारक, न ही कर्मचारी है। सुब्रत राय के भाई जयब्रत राय के निजी सचिव राजेश कुमार ने फेयरग्रो की ओर से 65 लाख रुपये का भुगतान किया था। इस कंपनी के मालिक राजद नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रेमचंद्र गुप्ता और उनके भाई हैं।
सहारा समूह ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि सहारा इंडिया परिवार या उसके किसी सदस्य का इस मामले में एक रुपये का भी लेना देना नहीं है। समूह ने कहा कि राजेश कुमार सहारा इंडिया परिवार के वरिष्ठ सदस्य हैं। फेयरग्रो में भागीदारी की शिकायतों के संदर्भ में समूह ने पहले ही एक उच्चस्तरीय आंतरिक जांच समिति गठित की है। यह समिति 15 दिन में अपनी रपट देगी। इन आरोपों पर राजद प्रवक्ता एवं विधायक शक्ति सिंह यादव ने कहा कि सुशील मोदी तेजस्वी यादव की पंजीकृत संपत्तियों को बेनामी साबित करने में लगे हैं। ये आरोप आधारहीन हैं और सच्चाई से परे हैं।
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