बिहार: शराबबंदी पर नरम पड़े नीतीश, कड़े प्रावधान होंगे खत्म, नहीं जब्त होगी संपत्ति
बिहार मंत्रिपरिषद (कैबिनेट) की यहां बुधवार को हुई बैठक में बिहार में लागू शराबबंदी कानून में संशोधन के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी।
पटना: बिहार मंत्रिपरिषद (कैबिनेट) की यहां बुधवार को हुई बैठक में बिहार में लागू शराबबंदी कानून में संशोधन के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। मद्यनिषेध एवं उत्पाद विषयक सहित तीन संशोधन विधेयकों को बिहार विधानमंडल के मानसून सत्र में पेश किए जाने की भी बैठक में मंजूरी दी गई। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई मंत्रिपरिषद की बैठक के बाद मंत्रिमंडल सचिवालय के प्रधान सचिव अरुण कुमार सिंह ने बताया कि मंत्रिपरिषद की बैठक में कुल 37 प्रस्तावों को मंजूरी दी गई है। उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यक कल्याण विभाग द्वारा अल्पसंख्यक मुस्लिम परित्यक्ता, तलाकशुदा महिलाओं के लिए सहायता योजना से संबंधित संशोधन की भी मंत्रिपरिषद की बैठक में स्वीकृति प्रदान की गई।
मंत्रिपरिषद की बैठक में शराबबंदी कानून में संशोधन का प्रस्ताव मंजूर किया गया, जिसके तहत अब शराब बरामदगी के बाद घर, वाहन और जमीन को जब्त नहीं किया जाएगा। इसके अलावा भी बिहार राज्य मद्य निषेध संशोधन विधेयक में संशोधन द्वारा सजा के कई सख्त प्रावधानों को लचीला किया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कई मौकों पर सार्वजनिक मंचों से यह घोषणा की थी कि राज्य के शराबबंदी कानून में जल्द संशोधन किया जाएगा। नीतीश ने कहा था कि शराबबंदी कानून का कई स्थानों पर दुरूपयोग की शिकायतें मिल रही है। उल्लेखनीय है कि दो वर्ष पूर्व यानी अप्रैल 2016 से बिहार में पूर्ण शराबबंदी लागू है।
बैठक में राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के द्वारा भागलपुर जिला के सुलतानगंज श्रावणी मेला को 'राजकीय मेला' का दर्जा देने की भी स्वीकृति प्रदान की गई। प्रधान सचिव ने बताया कि बैठक में बिहार पुलिस अवर सेवा आयोग के गठन तथा आयोग को सौंपे गए कार्यो एवं दायित्वों को पूरा करने के लिए पुलिस संवर्ग में 88 विभिन्न पदों के सृजन के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गई है। (एजेंसी)