रायपुर: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल द्वारा पंजाब मामले में पार्टी नेतृत्व पर सवाल खड़ा किए जाने के बाद छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने उनके बयान को दुर्भाग्यपूर्ण बताया। मुख्यमंत्री बघेल ने गुरुवार को कहा, ‘कपिल सिब्बल हमारे वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री हैं। वह वरिष्ठ वकील भी हैं। उनका इस प्रकार से बयान देना निश्चित रूप से दुर्भाग्यपूर्ण है। राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से राहुल के इस्तीफे के बाद कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में सभी ने सोनिया गांधी को स्वीकार किया और वह अभी तक कार्यरत हैं। बीच में चुनाव की घोषणा हुई लेकिन कोविड-19 के मद्देनजर उसे स्थगित कर दिया गया। उसके बाद यह सवाल उठाना हास्यास्पद है।’
कपिल सिब्बल ने खड़े किए थे सवाल
सिब्बल ने पार्टी की पंजाब इकाई में मचे घमासान और कांग्रेस की मौजूदा स्थिति को लेकर बुधवार को पार्टी नेतृत्व पर सवाल खड़े किए थे और कहा था कि कांग्रेस कार्य समिति (CWC) की बैठक बुलाकर इस स्थिति पर चर्चा होनी चाहिए और संगठनात्मक चुनाव कराए जाने चाहिए। उन्होंने कई नेताओं के पार्टी छोड़ने का उल्लेख करते हुए गांधी परिवार पर इशारों-इशारों में कटाक्ष किया कि ‘जो लोग इनके खासमखास थे वो छोड़कर चले गए, लेकिन जिन्हें वे खासमखास नहीं मानते वे आज भी इनके साथ खड़े हैं। हम ‘जी हुजूर 23’ नहीं हैं। हम अपनी बात रखते रहेंगे।’
कांग्रेस नेताओं के निशाने पर सिब्बल
इस बयान को लेकर सिब्बल अपनी ही पार्टी के कई नेताओं और कार्यकर्ताओं के निशाने पर हैं। पूर्व केंद्रीय मंत्री अजय माकन ने आरोप लगाया कि सिब्बल जैसे नेता पार्टी के उन कार्यकर्ताओं का हौसला पस्त कर रहे हैं जो कांग्रेस की विचारधारा के साथ खड़े हैं। कांग्रेस नेता अलका लांबा ने दावा किया, ‘कपिल सिब्बल जी से 2020 के विधानसभा चुनावों में मैं निवेदन करती रही सर एक बार चांदनी चौक आ जाइए, एक बार भी नहीं आए, अपने घर पर जिन कार्यकर्ताओं स्थानीय नेताओं की मीटिंग बुलाई, अगले ही दिन सभी ने आम आदमी पार्टी का दामन थाम लिया, ना ही 2019 का चुनाव लड़ने वाले ही आए। इनके दम पर कांग्रेस चलेगी?’
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