कमलनाथ राज में भोपाल में पहली बार गूंजा 'वंदेमातरम', CM भी हुए शामिल
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में मंत्रालय के उद्यान में होने वाला सामूहिक वंदे मातरम कमलनाथ सरकार के राज में पहली बार शुक्रवार को हुआ। पिछले माह सामूहिक गान न होने पर जमकर हंगमा हुआ था।
भोपाल: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में मंत्रालय के उद्यान में होने वाला सामूहिक वंदे मातरम कमलनाथ सरकार के राज में पहली बार शुक्रवार को हुआ। पिछले माह सामूहिक गान न होने पर जमकर हंगमा हुआ था। सरकार ने नए स्वरूप में सामूहिक गान होने का दावा किया है, वहीं पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने वंदे मातरम का एक ही रूप होने की बात कही है। राज्य में कमलनाथ के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार आने के बाद शुक्रवार को मंत्रालय के समक्ष सरदार वल्लभ भाई पटेल पार्क में राष्ट्रगीत वन्दे मातरम का सामूहिक गायन हुआ। इस मौके पर मुख्यमंत्री कमलनाथ भी मौजूद रहे। इस अवसर पर राष्ट्रगान जन-गण-मन का सामूहिक गायन भी हुआ।
राज्य में शिवराज सिंह चौहान की नेतृत्व वाली सरकार के राज में हर माह की पहली तारीख को मंत्रालय के समक्ष स्थित उद्यान में सरकारी कर्मचारी सामूहिक गान करते रहे, मगर सत्ता बदलने के बाद एक जनवरी को सामूहिक गान न होने पर भाजपा ने जमकर सरकार पर हमला किया और सात जनवरी को भाजपा नेताओं ने सामूहिक गान किया था। तब मुख्यमंत्री कमलनाथ ने वंदेमातरम को नए स्वरूप में कराने की बात कही थी।
सरकार द्वारा की गई घोषणा के मुताबिक, शुक्रवार को सरकार के प्रतिनिधियों और सरकारी कर्मचारियों ने शौर्य स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित की, फिर पुलिस बैंड के साथ मंत्रालय तक मार्च किया गया। शौर्य स्मारक से आरंभ हुए मार्च में सामान्य प्रशासन मंत्री डॉ़ गोविन्द सिंह, विधि-विधायी कार्य एवं जनसम्पर्क मंत्री पी़ सी़ शर्मा तथा खेल एवं युवा कल्याण तथा उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी भी सम्मिलित हुए।
शौर्य स्मारक से मंत्रालय के उद्यान में पहुंचे दल और कर्मचारियों ने मुख्यमंत्री कमलनाथ की उपस्थिति में राष्ट्रगीत वन्दे मातरम् और राष्ट्रगान जन-गण-मन का गायन किया। इस अवसर पर सरकारी अधिकारी व कर्मचारी भी उपस्थित थे।
सरकार ने नए स्वरूप में वंदे मातरम कराए जाने का दावा किया, जिस पर पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा, "वंदेमातरम किए जाने का स्वागत करते हैं और सरकार को धन्यवाद देते हैं, साथ ही उन्होंने कहा कि वंदे मातरम का एक ही स्वरूप होता है।"
राजधानी के मंत्रालय के करीब स्थित उद्यान में सरकारी स्तर पर दो माह बाद सामूहिक वंदेमातरम का गायन हुआ। इससे पहले दिसंबर की एक तारीख को सामूहिक तौर पर वंदे मातरम का गायन हुआ था।