भागलपुर: बिहार के भागलपुर के नाथनगर में हिंदू नववर्ष के मौके पर बिना अनुमति जुलूस निकालने और हिंसा भड़काने के आरोपी केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे के बेटे अरिजित शाश्वत सहित भारतीय जनता पार्टी के 8 नेताओं को भागलपुर की एक अदालत ने सोमवार को सशर्त जमानत दे दी। भागलपुर के चतुर्थ अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश कुमुद रंजन सिंह की अदालत ने सोमवार को अरिजित सहित बीजेपी के 8 नेताओं की नियमित जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए सशर्त जमानत दे दी।
लोक अभियोजक सत्यनारायण प्रसाद ने बताया कि अरिजित को अदालत ने सशर्त जमानत देते हुए कहा कि वे जेल से रिहा होने के 30 दिनों तक न तो किसी धरना-प्रदर्शन का नेतृत्व करेंगे और ना ही कोई जुलूस निकालेंगे। भागलपुर के अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी-एक अंजनी कुमार श्रीवास्तव की अदालत ने 3 अप्रैल को अरिजित की जमानत याचिका नामंजूर कर दी थी। अब उन पर कुमुद रंजन सिंह मेहरबान हुए हैं। 17 मार्च को भागलपुर के नाथनगर में हिंदू नववर्ष के मौके पर निकाले गए जुलूस के दौरान सांप्रदायिक हिंसा भड़काई गई थी।
हिंसा के इस मामले में 2 अलग-अलग प्राथमिकी दर्ज कराई गई। इस मामले में केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे के बेटे अरिजित को भी आरोपी बनाया गया था। अरिजित को लगभग एक सप्ताह बाद 31 मार्च की रात पटना से गिरफ्तार किया गया था। उल्लेखनीय है कि अरिजित पिछले विधानसभा चुनाव में भागलपुर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़े थे, लेकिन हार गए थे। अब अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव के मद्देनजर पार्टी के लिए माहौल बनाने में जुटे हैं।
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