विजयपुरा: कर्नाटक बीजेपी के वरिष्ठ नेता बसनगौड़ा पाटिल यतनाल ने शुक्रवार को कहा कि पार्टी को पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा की कही हर बात सुनने की जरूरत नहीं है। बसनगौड़ा को येदियुरप्पा के खिलाफ तीखे बयानों के लिए जाना जाता है। 5 बार के विधायक और पूर्व केंद्रीय मंत्री ने संकेत दिया कि कैबिनेट गठन के संबंध में पार्टी अपने फैसले खुद लेगी। उन्होंने कहा, ‘पार्टी येदियुरप्पा से कोई फरमान नहीं लेगी। पार्टी अगर उनकी हर बात सुनती तो उन्हें हटाने (मुख्यमंत्री पद से हटाने) की जरूरत ही नहीं थी।
‘...तो पार्टी को भारी कीमत चुकानी पड़ेगी’
बसनगौड़ा चेतावनी दी कि अगर सरकार में अनुभवहीनों को सत्ता दी गई तो पार्टी को इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ेगी। बता दें कि येदियुरप्पा ने हाल ही में कर्नाटक के मुख्यमंत्री के तौर पर अपने पद से इस्तीफा दिया है। इससे पहले राज्य में कई महीनों से नेतृत्व परिवर्तन की अटकलें थी। येदियुरप्पा ने अपनी सरकार के 2 वर्ष पूरे होने के दिन राज्यपाल थावरचंद गहलोत को इस्तीफा सौंपा था जिसके बाद बसवराज बोम्मई को सूबे की कमान मिली थी। येदियुरप्पा ने इन 2 वर्षों को अग्नि परीक्षा करार दिया। हालांकि उन्होंने कहा कि उन पर दिल्ली में पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व का कोई दबाव नहीं था और उन्होंने स्वेच्छा से यह पद छोड़ा है।
‘अगले हफ्ते हो सकता है मंत्रिमंडल विस्तार’
बता दें कि कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने शुक्रवार को कहा कि राज्य के कुछ जिलों में कोविड-19 के बढ़ते मामलों और बाढ़ के मद्देनजर मंत्रिमंडल का विस्तार अगले सप्ताह तक हो सकता है। मुख्यमंत्री बनने के बाद पहली बार दिल्ली आए बोम्मई ने कहा कि उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (BJP) अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ बैठक में ‘जल्द से जल्द मंत्रिमंडल विस्तार की आवश्यकता के बारे में बताया।’ उन्होंने कहा, ‘हमें अगले सप्ताह तक मंजूरी मिल जाएगी। मैंने आज की बैठक में संभावितों की सूची पर चर्चा नहीं की है। लेकिन इस मुद्दे पर जल्द निर्णय की जरूरत बताई।’
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