कोलकाता: तृणमूल कांग्रेस ने बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में सभी आरोपियों के बरी किए जाने पर सधी हुई प्रतिक्रिया जताई और कहा कि जो लोग फैसले से खुश नहीं हैं उन्हें ऊपरी अदालतों से राहत मिलेगी। तृणमूल कांग्रेस ने फैसले पर इसके समर्थन या विरोध में कोई भी प्रतिक्रिया देने से इंकार कर दिया, वहीं भाजपा, माकपा और कांग्रेस जैसे बड़े दलों ने उसके रूख के लिए उसकी आलोचना की।
तृणमूल कांग्रेस के नेता और पार्टी के प्रवक्ता सौगत राय ने कहा, ‘‘यह अदालत का फैसला है, इसलिए हम नहीं कह सकते कि इसके विरोध या समर्थन में हैं। फैसला 28 वर्षों के बाद आया है और कुछ लोग इससे नाखुश हैं। हमें मीडिया से पता चला है कि कुछ संगठनों ने नाखुशी जताई है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हमें उम्मीद है कि जो लोग फैसले से खुश नहीं हैं उन्हें ऊपरी अदालतों से राहत मिलेगी।’’ बता दें कि अयोध्या में छह दिसंबर 1992 को ढहाए गए विवादित ढांचे के मामले में सीबीआई की विशेष अदालत ने बुधवार को फैसला सुनाया। इस मामले में भाजपा के वरिष्ठ भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह, उमा भारती, विनय कटियार समेत सभी 32 आरोपियों को बरी कर दिया गया है।
28 वर्ष तक चली सुनवाई के बाद ढांचा विध्वंस के आपराधिक मामले में फैसला सुनाने के लिए सीबीआई के विशेष न्यायाधीश एस.के. यादव ने सभी आरोपियों को कोर्ट में तलब किया था।
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