नई दिल्ली: बिहार विधानसभा चुनाव आने में अभी वक्त है, लेकिन बिहार में सियासी गर्मी की तपिश का एहसास अभी से होने लगा है। कुछ दिनों पहले पार्टी से निकाले गए प्रशांत किशोर ने सार्वजनिक तौर पर नीतीश कुमार को पिछलग्गू बताकर हमला किया और 'बात बिहार की' कार्यक्रम की शुरुआत करने का ऐलान किया। इसी के साथ बिहार की सियासत में एक और नए रंग ने दस्तक दे दी। 'बात बिहार की' कार्यक्रम की शुरुआत आज से यानि 20 फरवरी से हो रही है।
आप भी यूं करा सकते हैं रजिस्ट्रेशन
यह कार्यक्रम उन लोगों के रजिस्ट्रेशन के साथ शुरू होगी, जो कार्यक्रम से जुड़कर, समान विचारधारा वाले लोगों के एक ऐसे समूह का हिस्सा बनना चाहते हैं और जो अगले 10-15 वर्षों में बिहार को देश के शीर्ष 10 राज्यों में देखना चाहते हैं। इस कार्यक्रम से जुड़ने के इच्छुक व्यक्ति 20 फरवरी सुबह 11:00 बजे के बाद आप 'बात बिहार की' की वेबसाइट पर जाकर पंजीकरण कर सकते हैं या फिर 6900869008 पर मिस कॉल देकर इस कार्यक्रम का हिस्सा बन सकते हैं।
नीतीश को ‘पितातुल्य’ बता बोला था हमला
बता दें कि अलग-अलग चुनावों में अलग-अलग नीतियों वाली पार्टियों के लिए लुभावने नारे गढ़ने वाले चुनावी प्रबंधक प्रशांत किशोर ने मंगलवार को ऐलान किया था कि वह कोई नया दल नहीं बनाने जा रहे हैं। वह सिर्फ बिहार में बदलाव के लिए काम करेंगे। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को उन्होंने 'पितातुल्य' बताया था और कहा था कि उनका हर फैसला उन्हें मंजूर है। हालांकि इसके तुरंत बाद ही वे नीतीश सरकार के 15 साल के शासनकाल की कमियां भी गिनाने लगे।
जेडीयू ने किया था पलटवार
वहीं भारतीय जनता पार्टी के साथ सरकार बनाने को लेकर भी उन्होंने नीतीश पर सवाल उठाए थे, लेकिन जेडीयू ने पलटवार करते हुए कहा था कि प्रशांत किशोर की ऐसी हैसियत नहीं की वो सवाल खड़े कर सके और जेडीयू इसका जबाव दे।
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