NRC: नागरिकता बिल के विरोध में नीतीश की JDU, कहा- राज्यसभा में लाए जाने पर करेंगे विरोध
जनता दल (यूनाइटेड) के राष्ट्रीय महासचिव के. सी. त्यागी ने रविवार को कहा कि उनकी पार्टी पहले से चले आ रहे विवादास्पद मुद्दों को लेकर अपने पुराने रुख पर कायम है।
पटना: जनता दल (यूनाइटेड) के राष्ट्रीय महासचिव के. सी. त्यागी ने रविवार को कहा कि उनकी पार्टी पहले से चले आ रहे विवादास्पद मुद्दों को लेकर अपने पुराने रुख पर कायम है और असम में नागरिकता अधिनियम में संशोधन के मामले को पारित कराने के लिए राज्यसभा में लाए जाने पर इसका विरोध करेगी।
बिहार के मुख्यमंत्री एवं जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार की अध्यक्षता में रविवार को उनके आवास पर जदयू के राष्ट्रीय पदाधिकारियों की संपन्न बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए त्यागी ने कहा कि उनकी पार्टी समाजवादी आंदोलन की विरासत वाले सवालों यथा अनुच्छेद 370, युनिफार्म सिविल कोड अथवा रामजन्म भूमि-बाबरी मस्जिद विवाद पर अपने पुराने रुख पर कायम है।
उन्होंने कहा कि जदयू असम में नागरिकता अधिनियम में संशोधन के मामले पर लोकसभा में कांग्रेस के रुख की निंदा करता है। त्यागी ने आरोप लगाया कि लोकसभा में इस बिल पर सदन से कांग्रेस का वॉकआउट अप्रत्यक्ष रूप से समर्थन था। उन्होंने कहा कि सदन से वॉकआउट करना सरकार का समर्थन करने के समान होता है। इसलिए असम में नागरिकता अधिनियम का संशोधन राज्यसभा में पारित कराने के लिए लाए जाने पर जदयू इसका विरोध करेगा।
त्यागी ने बताया कि जदयू का एक उच्चस्तरीय शिष्टमंडल इसी महीने में असम जाएगा और वहां की जनता और सिविल सोसायटी के लोगों से मुलाकात करेगा। इस शिष्टमंडल में उनके साथ पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर और उत्तर-पूर्वी राज्यों के जदयू के वरिष्ठ नेता एस लोथा और आफाक अहमद शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि जदयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक फरवरी महीने के अंतिम सप्ताह में पटना में आहूत की गई है।
त्यागी ने बताया कि बिहार से अगले लोकसभा चुनाव के लिए जदयू उम्मीदवार तय करने की जिम्मेदारी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह को सौंपी गई है। इस कार्य में उनका सहयोग पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह और बिजेंद्र यादव करेंगे।
जदयू के राष्ट्रीय सचिव पवन वर्मा ने बताया कि राजग के बीच सीटों का बंटवारा फरवरी महीने के अंत में लोकसभा चुनाव की घोषणा होने के पूर्व बिना किसी बाधा या किसी प्रकार के विवाद के संपन्न हो जाएगा।