CM गहलोत बोले- केंद्र की NDA सरकार देश भर के किसानों का कर्ज माफ करे
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मंगलवार को मांग की कि केंद्र की राजग सरकार देश भर के किसानों का कर्ज माफ करे।
जयपुर: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मंगलवार को मांग की कि केंद्र की राजग सरकार देश भर के किसानों का कर्ज माफ करे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में सत्ता में आने के बाद किसानों की कर्जमाफी का अपना वादा पूरा किया है। इसकी घोषणा पर काम शुरू हो चुका है और अब केन्द्र सरकार को भी कर्जमाफी करनी चाहिए।
गहलोत ने संवाददाताओं से कहा कि राजग सरकार ने चुनिंदा उद्योगपतियों के 3.5 लाख करोड़ रुपये का फंसा हुआ कर्ज माफ कर दिया है लेकिन किसानों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। पूर्व संप्रग सरकार ने किसानों के 72000 करोड़ रुपये के ऋण माफ किए थे और कांग्रेस शासित राज्यों राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में किसानों के कर्ज माफी की घोषणा की है। उन्होंने बताया कि राज्य में शीघ्र ही किसानों की रैली का आयोजन किया जायेगा। इस बारे में पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट से चर्चा के बाद रैली आयोजन के कार्यक्रम को अंतिम रूप दिया जाएगा।
गहलोत ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह पर हमला बोलते हुए कहा कि देश में केवल दो व्यक्ति शासन चला रहे है। उन्होंने कहा ‘‘देश में भाजपा नहीं बल्कि दो व्यक्ति नरेन्द्र मोदी और अमित शाह सरकार चला रहे है। भाजपा और आरएसएस के लोग भी इस बात को समझ गए हैं। देश में घृणा, हिंसा और असंवेदनशीलता का वातावरण है। पिछले लोकसभा चुनावों में जनता के साथ झूठे वादे किए गए थे, लेकिन चुनावों के बाद परिस्थितियां बदल गईं।’’ उन्होंने कहा कि मोदी फिर से देश के प्रधानमंत्री नहीं बनेंगे।
राज्य की आर्थिक स्थिति के बारे में पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि 2013 में भाजपा सरकार ने जब सत्ता संभाली थी उस समय राज्य का कर्जा 1.29 लाख करोड़ रुपये था जो वर्तमान में करीब 3 लाख करोड़ रुपये हो गया है।
उन्होंने कहा कि राज्य का कर्जा 30 वर्षों में 1.20 लाख करोड़ रुपये था जो निवर्तमान वसुंधरा राजे सरकार के पांच वर्षो के कार्यकाल में 1.29 लाख करोड़ रुपये से बढकर करीब 3 लाख करोड़ रुपये पहुंच गया है। गहलोत ने कहा ‘‘राज्य में पांच साल के कुशासन का अब अंत हो गया है और सरकार के बदलने के बाद सुशासन के एजेंडे पर निर्णय लिये जा रहे हैं।’’