नई दिल्ली: कोरोना संकट और लॉकडाउन को लेकर मोदी सरकार के धुर विरोधी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा है। रमजान की शुरुआत पर लोगों को संबोधित करते हुए ओवैसी ने प्रवासी मजदूरों का मुद्दा उठाया।
हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि अगर पीएम मोदी और केंद्र ने मजदूरों को राहत पैकेज दे दिया है तो वह सड़कों पर क्यों हैं? ओवैसी ने 12 साल की आदिवासी बच्ची की मौत का मामला भी उठाया। बच्ची की लाश उसके घर से कुछ किलोमीटर दूर मिली थी। साथ ही गुरुग्राम में मजदूर की आत्महत्या पर भी सवाल पूछा।
एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने मुस्लिम भाइयों से अपील की कि कोरोना से जंग लड़ रहे लोगों की जान बचाने के लिए मुस्लिम आगे आएं और रेड क्रास सोसायटी में जाकर प्लाज्मा या ब्लड को डोनेट करें। खासतौर पर वह लोग आगे आएं, जो ठीक हो गए हैं। वह लोग रेड क्रॉस में जाकर रक्तदान करें, जिससे कई लोगों की जान बच सके।
इससे पहले मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए असदुद्दीन ओवैसी ने कहा था कि बीजेपी के प्रचारकों को मालूम होना चाहिए कि वो व्हॉट्सऐप फॉरवर्ड के जरिए कोरोना वायरस को नहीं हरा सकते। मुस्लिमों को बलि का बकरा बनाना कोरोना वायरस की दवा नहीं है, ना ही ये पर्याप्त टेस्टिंग का विकल्प हो सकता है। झूठी खबरें फैला कर मुसलमानों पर हमले किए जा रहे हैं।
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