नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने राजनीतिक रूप से संवेदनशील राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद मामले को शुक्रवार को मध्यस्थता के लिए भेज दिया। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज फकीर मोहम्मद कलीफुल्ला को मध्यस्थता के लिए गठित तीन सदस्यीय समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया है। पैनल के अन्य सदस्यों में आध्यात्मिक गुरू श्री श्री रविशंकर और वरिष्ठ अधिवक्ता श्रीराम पंचू भी शामिल हैं। इनमें से श्री श्री रविशंकर के नाम पर विवाद शुरू हो गया है। पैनल में रविशंकर की नियुक्ति पर लोकसभा सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने आपत्ति जताई है।
असदुद्दीन ओवैसी ने श्री श्री रविशंकर के नाम पर आपत्ति जताते हुए कहा, 'सुप्रीम कोर्ट ने श्री श्री रविशंकर को मीडिएटर बनाया है। उन्होंने 4 नवंबर 2018 को कहा था कि यदि मुसलमान अयोध्या पर अपना दावा नहीं छोड़ेंगे तो हिंदुस्तान सीरिया बन जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि मुसलमान गुडविल दिखाते हुए इसे छोड़ दें।' ओवैसी ने कहा कि जब इनका कनेक्शन सब्जेक्ट मैटर से है, और उन्होंने अपनी पोजिशन भी साफ कर दी है, तो उन्हें मीडिएटर बनाना निराशाजनक है।
ओवैसी ने कहा कि एक तरह से श्री श्री ने हिंसा की धमकी दी थी कि हिंदुस्तान सीरिया बन जाएगा। उन्होंने श्री श्री रविशंकर का नाम लिए बिना कहा कि मैं उम्मीद करता हूं कि जिस शख्स ने 4 नवंबर 2018 को बयान दिया था उन्हें यह ख्याल रखना होगा कि वह अब मीडिएटर हैं। AIMIM के नेता ओवैसी ने कहा कि उन्हें अपने दिलो-दिमाग से 4 नवंबर को दिया गया बयान निकालना होगा और न्यूट्रल रहना होगा।
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