नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आगामी 5 अगस्त को अयोध्या में राम मंदिर भूमि पूजन कार्यक्रम में भाग लेने के लिए जाएंगे। लेकिन प्रधानमंत्री के भाग लेने पर हैदाबाद से सांसद और AIMIM नेता असदुद्दीन ओवैसी ने सवाल उठाए हैं और इसे प्रधानमंत्री पद के लिए ली गई संवैधानिक प्रतिज्ञा का उल्लंघन भी बताया है। ओवैसी ने हा है कि संविधान का आधारभूत ढांचा धर्मनिरपेक्षता है।
ओवैसी ने कहा, “आधिकारिक तौर पर भूमिपूजन में शामिल होना प्रधानमंत्री पद के लिए ली गई शपथ का उल्लंघन होगा। धर्मनिरपेक्षता संविधान का आधारभूत ढांचा है। हम नहीं भूल सकते कि 400 साल तक अयोध्या में बाबरी थी और 1992 में अपराधिक भीड़ ने उसे गिरा दिया था।”
अयोध्या में राम मंदिर बनाए जाने का रास्ता सुप्रीम कोर्ट के फैसले से साफ हुआ है और लंबे समय तक चले आए इस मुकद्दमे का अंत हुआ है। लेकिन ओवैसी अभी भी इस मुद्दे को सांप्रदायिक रंग देने का प्रयास कर रहे हैं और साथ में प्रधानमंत्री मोदी की अयोध्या यात्रा पर भी सवाल खड़े कर रहे हैं। पिछले साल नवंबर में उच्चतम न्यायालय द्वारा दशकों पुराने इस मामले में फैसला सुनाये जाने के बाद पांच अगस्त को होने वाले कार्यक्रम से मंदिर निर्माण का कार्य आरंभ हो जाएगा।
अयोध्या में 5 अगस्त को होने वाले राम मंदिर भूमि पूजन कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी भाग लेने के लिए जा रहे हैं। भगवान राम के मंदिर के निर्माण के लिए बने श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने भूमि पूजन कार्यक्रम के लिए प्रधानमंत्री मोदी सहित कुछ चुनिंदा लोगों को आमंत्रित किया हुआ है। कोरोना महामारी के नियमों की वजह से कार्यक्रम में ज्यादा भीड़ इकट्ठा नहीं की जा सकती। सूत्रों के मुताबिक कोरोना संक्रमण की वजह से अयोध्या में मेहमानों की संख्या 200 सीमित रखी गई है।
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