नई दिल्ली: AIMIM सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने मंगलवार को लोकसभा में कहा कि देश में आंदोलन होते रहेंगे और सरकार नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के नियम बनाएगी, उसके बाद लोग दोबारा सड़कों पर उतरेंगे। राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर सदन में जारी चर्चा में भाग लेते हुए ओवैसी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आंदोलनजीवी और परजीवी जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया लेकिन इसमें बुराई क्या है और आंदोलन होते रहेंगे। उन्होंने कहा, ‘मैं एक आंदोलनजीवी हूं। खुलकर बोल रहा हूं। सरकार सीएए के नियम बनाएगी, उसके बाद हम दोबारा सड़कों पर निकलेंगे।’
‘अहंकार पीछे रख कानूनों को वापस ले सरकार’
ओवैसी ने कहा कि नए कृषि कानूनों में ‘काला’ यह है कि कि कृषि राज्यों का विषय है और ये संघवाद के खिलाफ है। ओवैसी ने कहा कि सरकार को अपने ‘अहंकार को पीछे रखकर’ इन तीनों कानूनों को वापस लेना होगा। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार चीन के खिलाफ एक शब्द नहीं बोल रही है और प्रधानमंत्री को अपने जवाब में चीन का नाम लेकर बात रखनी चाहिए। उन्होंने अरुणाचल प्रदेश में घुसपैठ का भी जिक्र किया। ओवैसी ने दावा किया कि चीन दोबारा भारतीय सैनिकों पर हमला कर सकता है, ऐसे में हमारी क्या तैयारी है। सरकार को अपने अहम को पीछे रखकर इन तीनों कानूनों को वापस लेना होगा।
‘आंदोलनजीवियों से सावधान रहे देश’
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को राज्यसभा में आंदोलनों को हवा देने वाले नेताओं और एक्टिविस्ट्स पर निशाना साधते हुए देश को आंदोलनजीवियों से सावधान रहने की जरूरत बताई थी। उन्होंने कहा था, ‘हम कुछ शब्दों से बहुत परिचित हैं, जैसे श्रमजीवी और बुद्धिजीवी। पिछले कुछ समय से इस देश में एक नई जमात पैदा हुई है, नई बिरादरी सामने आई है। यह जमात है आंदोलनजीवी। वकीलों का आंदोलन हो, मजदूरों का आंदोलन हो, छात्रों या कोई भी आंदोलन हो, ये पूरी टोली वहां नजर आती है। आंदोलन के बगैर जी नहीं सकते। हमें ऐसे लोगों को पहचानना होगा। ये बहुत आइडियोलॉजिकल स्टैंड दे देते हैं। देश आंदोलनजीवी लोगों से बचे, ऐसे लोगों को पहचानने की बहुत आवश्यकता है।’
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